रांची : झारखंड में लंबे समय से अटकी हुई चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया अब पटरी पर लौटने की दिशा में बढ़ रही है। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा तैयार की गई नियुक्ति नियमावली का प्रारूप मुख्यमंत्री को भेजा गया था। मुख्यमंत्री ने प्रारूप पर पुनः समीक्षा का निर्देश दिया, जिसके बाद सदस्य राजस्व पर्षद की अध्यक्षता में गठित नियुक्ति नियमावली समिति की बैठक 25 सितंबर को बुलाई गई है। इस बैठक में नियमावली को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद कैबिनेट की बैठक में इसे स्वीकृति मिलते ही राज्य में चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा।

गौरतलब है कि पलामू में चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की नियुक्ति को लेकर विवाद के बाद सरकार ने नयी नियमावली बनने तक पूरे राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। तब से अब तक यह प्रक्रिया स्थगित है।
नाम बदलेगा, अब होंगे “बहुद्देश्यीय कर्मी”
नई नियमावली के तहत “झारखंड राज्य चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी सेवा शर्त नियमावली” का नाम बदलकर “झारखंड राज्य बहुद्देश्यीय कर्मी सेवा शर्त नियमावली” किया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य पीऊन, चालक समेत सभी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को एक ही श्रेणी में समाहित करना है।
दो कैडर में होगी नियुक्ति
नियमावली के तहत चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की नियुक्ति दो कैडर में होगी –
1. राज्य स्तरीय कैडर : इसमें सचिवालय, क्षेत्रीय कार्यालयों और संलग्न दफ्तरों में कार्यरत कर्मियों की नियुक्ति होगी। इस नियुक्ति के लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करेगा। सचिवालयों में पहले से कार्यरत कर्मियों को आयु सीमा में 10 साल की छूट मिलेगी।
2. जिला स्तरीय कैडर : इस स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करेगी। जिले के निवासी अभ्यर्थियों को अधिकतम अंकों पर 5 प्रतिशत ग्रेस अंक का लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए, 100 अंकों की परीक्षा में 5 अंक और 200 अंकों की परीक्षा में 10 अंक की अधिमान्यता दी जाएगी।
दोनों स्तर पर न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक पास होना अनिवार्य होगा और राज्य सरकार के आरक्षण प्रावधानों का पालन किया जाएगा।
इस नियमावली को अंतिम रूप मिलने के बाद झारखंड में हजारों चतुर्थ वर्गीय पदों पर बहाली का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, जिससे बेरोजगार युवाओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।