झारखंड को मिला नया वाइल्डलाइफ ताज, सारंडा बनेगा 10वां अभयारण्य – केंद्र सरकार भी साथ

झारखंड का सबसे घना और रहस्यमय जंगल सारंडा अब बनने जा रहा है राज्य का दसवां वन्यजीव अभयारण्य। इस परियोजना को न केवल राज्य सरकार का समर्थन मिला है, बल्कि केंद्र सरकार भी आर्थिक सहयोग देने को तैयार है। केंद्र के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जुड़कर इस सपने को ज़मीन पर उतारा जा रहा है।

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सारंडा के लिए 57,519.41 हेक्टेयर जंगल भूमि को चिह्नित किया गया है – जो पहले तय क्षेत्र से लगभग दोगुना है। पहले यह क्षेत्र 31,468.25 हेक्टेयर था। बढ़ाए गए क्षेत्र से अब यहां हाथियों से लेकर बाघों तक को स्थायी और सुरक्षित घर मिलेगा।

 

वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता संवर्धन को ध्यान में रखते हुए देहरादून स्थित वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से सलाह ली जा रही है। यह क्षेत्र लौह अयस्क खनन के लिए भी चर्चित रहा है, लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि खनन और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना प्राथमिकता है।

 

गौरतलब है कि सारंडा हाथियों का पारंपरिक अधिवास रहा है। हाल ही में पलामू टाइगर रिजर्व से भटक कर आए एक बाघ ने भी यहां की शोभा बढ़ाई। इससे अब टाइगर रूट की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। झारखंड में पहले से मौजूद 9 अभयारण्यों में अब सारंडा भी जल्द शामिल होगा, और राज्य को मिलेगा वन्यजीव पर्यटन का नया सितारा।