इंटरमीडिएट शिक्षकों और कर्मचारियों की बेरोजगारी पर झारखंड सरकार गंभीर – शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने दिया भरोसा, नहीं होगा कोई शिक्षक और कर्मचारी बेरोजगार

जमशेदपुर: झारखंड के इंटरमीडिएट अंगीभूत महाविद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के भविष्य पर मंडरा रहे संकट को लेकर आज एक महत्वपूर्ण पहल हुई। अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने झारखंड सरकार के माननीय शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात की और अपनी समस्याओं को उनके समक्ष रखा।

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शिष्टमंडल ने राज्यपाल महोदय द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद किए जाने से उत्पन्न स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित कराया। शिक्षकों ने बताया कि वर्ष 2009 से वे सभी अल्प वेतन में सरकार की सेवा कर रहे हैं, लेकिन अचानक पढ़ाई बंद होने के कारण अब उनके सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया है। इससे उनके परिवार की आजीविका, जीवनयापन और भविष्य पर गहरा असर पड़ा है।

 

शिक्षकों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने उन्हें पूरा भरोसा और आश्वासन दिया कि झारखंड सरकार उनकी समस्या को लेकर बेहद संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही इस संकट का समाधान निकालने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि,

“झारखंड का कोई भी शिक्षक या कर्मचारी बेरोजगार नहीं होगा। मुख्यमंत्री जी की भी इस विषय में सहमति है, और सरकार इंटरमीडिएट शिक्षकों व कर्मियों के समायोजन को लेकर प्रयासरत है।”

 

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी अनिमेष बक्शी ने किया। उनके साथ मोहम्मद मसूद, उपेंद्र राणा, सुमन राय, लक्ष्मी हेंब्रम, विमला कुमारी, संध्या सिंह, प्रीति कुमारी, ज्योति प्रभा, लुसी रानी मिश्रा, ऋषिता राय, पूजा गुप्ता, नीतू बाला सिंह, अजय कुमार दीप, प्रीति पांडे, कमर निगार, वंदना कुमारी, डॉ. रश्मि रानी, तजिंद्र कौर, अफसाना परवीन सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और शिक्षिकाएं उपस्थित थीं।

 

इस मुलाकात से शिक्षकों में सरकार की ओर से आशा की एक नई किरण जगी है, और अब सभी को जल्द ही ठोस निर्णय की प्रतीक्षा है।