रांची : झारखंड सरकार ने राज्य के पर्यटन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक नई पहल की है। पर्यटन विभाग की ओर से “इन्फ्लुएंसर इंगेजमेंट प्रोग्राम 2025” की शुरुआत की गई है। इस अनोखी योजना का उद्देश्य डिजिटल युग में सोशल मीडिया के प्रभावशाली कंटेंट क्रिएटर्स की ताकत का उपयोग करके झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और आदिवासी विरासत को दुनिया तक पहुँचाना है।

क्या है योजना?
इस प्रोग्राम के तहत देश-विदेश के इंफ्लुएंसर्स को आमंत्रित किया गया है, जो अपने वीडियो, फोटो, ब्लॉग और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से झारखंड की खूबसूरती को प्रदर्शित करेंगे। इसके बदले उन्हें सरकार की ओर से 10 लाख रुपये तक का मानदेय दिया जाएगा। चयनित इंफ्लुएंसर्स को न केवल आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि उन्हें पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित लाइव सत्रों में सह-होस्ट बनने और विशेष वीआईपी आमंत्रण का भी अवसर मिलेगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
झारखंड अपनी झीलों, झरनों, जंगलों, पर्वत श्रृंखलाओं और प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। लेकिन अब तक यह राज्य पर्यटन मानचित्र पर उतनी प्रमुखता से नहीं उभर पाया, जितना कि इसकी क्षमता है। सरकार का मानना है कि इंफ्लुएंसर्स की पहुँच और उनकी क्रिएटिविटी राज्य के छुपे हुए पर्यटन स्थलों को व्यापक पहचान दिला सकती है।
युवाओं को मिलेगा बड़ा मौका
सोशल मीडिया पर सक्रिय युवा इंफ्लुएंसर्स के लिए यह प्रोग्राम सुनहरा अवसर है। अब वे न केवल अपने टैलेंट को पहचान दिला पाएंगे, बल्कि राज्य के पर्यटन विकास में भी योगदान दे सकेंगे। पर्यटन विभाग का कहना है कि इस पहल से रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
सरकार की मंशा
पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि “इन्फ्लुएंसर इंगेजमेंट प्रोग्राम 2025” झारखंड को पर्यटन हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। डिजिटल मीडिया की ताकत से राज्य की संस्कृति और विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई जा सकेगी।
झारखंड सरकार की यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि राज्य की सकारात्मक छवि को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी। यह कार्यक्रम उन सभी इंफ्लुएंसर्स के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा जो अपनी रचनात्मकता के माध्यम से समाज और राज्य के विकास में योगदान देना चाहते हैं।