रांची: झारखंड की न्यायिक व्यवस्था में एक नया अध्याय जुड़ गया है। प्रदेश के हाई कोर्ट को नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है। मंगलवार को नवनियुक्त चीफ जस्टिस जस्टिस तरलोक सिंह चौहान रांची पहुंचे, जहां बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिकारियों, न्यायिक पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

जस्टिस चौहान 23 जुलाई, बुधवार सुबह 10 बजे राजभवन में आयोजित समारोह में झारखंड हाई कोर्ट के 15वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। राज्यपाल संतोष गंगवार उन्हें शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राजभवन में जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। इस अवसर को खास बनाने के लिए जस्टिस चौहान के 50 से 60 परिजन भी रांची पहुंचे हैं। उनके ठहरने की व्यवस्था स्टेट गेस्ट हाउस और शहर के विभिन्न होटलों में की गई है।
हिमाचल से झारखंड तक का न्यायिक सफर
जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने शिमला से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से कानून की डिग्री हासिल की। उन्होंने वर्ष 1989 में हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल से वकालत की शुरुआत की। अपने समर्पण और न्यायिक समझ के बल पर वे 2014 में हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए, और उसी वर्ष उन्हें स्थायी न्यायाधीश भी बना दिया गया। झारखंड हाई कोर्ट में योगदान देने से पहले वे हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे।
इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट की जिम्मेदारी जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में निभा रहे थे। यह पद उन्हें पूर्व मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव के त्रिपुरा स्थानांतरण के बाद सौंपा गया था।
अब जब जस्टिस चौहान राज्य के न्यायिक तंत्र की बागडोर संभालने जा रहे हैं, तो न्यायपालिका से जुड़े लोगों और आम नागरिकों की अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं। न्यायिक अनुभव और प्रशासनिक दक्षता से भरपूर जस्टिस चौहान की अगुवाई में राज्य की न्याय व्यवस्था को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।