Jharkhand: गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के खेतको गांव में एक परिवार के लिए दुख की घड़ी आ गई है। हीरामन महतो, जो सऊदी अरब में काम करते थे उनकी मौत हो गई है। लेकिन उनका शव अभी तक भारत वापस नहीं आया है, और उनके परिवार को मुआवजे की राशि का भुगतान भी नहीं मिला है।
हीरामन महतो के परिवार में उनकी पत्नी सोमरी देवी, दो पुत्रियां सुनीता कुमारी और सरिता कुमारी, और दो पुत्र रामेश्वर कुमार और विजय कुमार हैं। वे सभी अपने प्रियजन के अंतिम दर्शन के लिए शव का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनका इंतजार अभी तक खत्म नहीं हुआ है।
हीरामन महतो की मौत 8 दिसंबर 2024 को सऊदी अरब में हुई थी। उनके परिवार को उम्मीद थी कि उनका शव जल्दी ही भारत वापस आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कंपनी की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण गांववाले और मृतक के रिश्तेदार परेशान हैं।
सऊदी अरब में शव वापस लाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन कंपनी की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण गांववाले और मृतक के रिश्तेदार परेशान हैं। प्रवासी श्रमिकों के हितों के लिए काम करने वाले सिकंदर अली ने कहा कि उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से शीघ्र शव वापस लाने और उचित मुआवजा प्रदान करने की मांग की है।
इस घटना ने प्रवासी श्रमिकों के परिवारों की दुखद स्थिति को उजागर किया है। जब इन श्रमिकों के साथ कोई हादसा होता है, तो मुआवजे का मामला कई बार उलझ जाता है, और शव महीनों तक विदेश में ही पड़ा रहता है। यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
ग्रामीणों ने सरकार से अपील की है कि प्रवासी श्रमिकों के शव की जल्दी वापसी सुनिश्चित की जाए, ताकि परिवार वाले अपने प्रियजन का अंतिम संस्कार कर सकें और उनकी कठिनाई दूर हो सके। साथ ही, सरकार से मुआवजा दिलवाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।
इस मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी अपील की गई है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और हीरामन महतो के परिवार को न्याय दिलाएं। साथ ही, सरकार को प्रवासी श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।