डॉक्टर नुसरत परवीन के हिजाब प्रकरण पर झारखंड की सियासत गरमाई, मंत्री इरफान अंसारी और JMM के बयान में विरोधाभास

रांची: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा डॉक्टर नुसरत परवीन का कथित तौर पर हिजाब खींचने के मामले ने अब झारखंड की राजनीति में भी हलचल तेज कर दी है। इस घटना को लेकर जहां एक ओर राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है, वहीं दूसरी ओर सरकार के भीतर भी मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी द्वारा डॉक्टर नुसरत परवीन को झारखंड में नौकरी देने की पेशकश के बाद यह मामला और अधिक राजनीतिक रंग ले चुका है।

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मंत्री इरफान अंसारी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डॉक्टर नुसरत परवीन के साथ जो व्यवहार हुआ वह निंदनीय है और महिलाओं के सम्मान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यदि बिहार में नुसरत परवीन को सम्मान और सुरक्षा नहीं मिलती, तो झारखंड सरकार उन्हें नौकरी देने के लिए तैयार है। इरफान अंसारी के इस बयान को मानवाधिकार और महिला सम्मान से जोड़कर देखा गया और उनके समर्थकों ने इसे साहसिक कदम बताया।

 

हालांकि, इस बयान के तुरंत बाद सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने खुद को इससे अलग कर लिया। JMM के प्रवक्ता मनोज पांडे ने स्पष्ट किया कि मंत्री इरफान अंसारी का बयान उनका निजी विचार है और इसका सरकार या पार्टी की आधिकारिक नीति से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी को नौकरी देने का निर्णय सरकार की निर्धारित प्रक्रिया और नियमों के तहत ही लिया जाता है, न कि व्यक्तिगत बयानों के आधार पर। मनोज पांडे ने यह भी जोड़ा कि इस मामले में सरकार की ओर से कोई आदेश या प्रस्ताव जारी नहीं किया गया है।

 

इस पूरे घटनाक्रम के बाद झारखंड की सियासत में सरकार के भीतर समन्वय को लेकर सवाल उठने लगे हैं। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को हाथोंहाथ लेते हुए सरकार पर आंतरिक मतभेद और स्पष्ट नीति के अभाव का आरोप लगाया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के मंत्री और पार्टी प्रवक्ताओं के बयान एक-दूसरे के विपरीत हैं, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।

 

वहीं, सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों के बीच भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज है। कुछ लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता और महिला सम्मान से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि इस तरह के संवेदनशील मामलों पर राजनीतिक बयानबाजी से बचना चाहिए। कुल मिलाकर, डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब प्रकरण अब सिर्फ एक घटना तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह बिहार से निकलकर झारखंड की राजनीति में एक बड़े सियासी विवाद का रूप ले चुका है।