झारखंड में नगर निकाय चुनाव पहली बार बैलेट पेपर से, ईवीएम की कमी बनी बड़ी वजह

रांची: झारखंड के राजनीतिक और प्रशासनिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। राज्य में पहली बार नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से कराए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने आने वाले नगर निकाय चुनावों को लेकर यह अहम फैसला लिया है। अब तक झारखंड में जब भी नगर निकाय चुनाव हुए हैं, मतदान की प्रक्रिया ईवीएम के जरिए ही संपन्न कराई जाती रही है। ऐसे में बैलेट पेपर से चुनाव कराने का निर्णय कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार यह फैसला किसी नीतिगत बदलाव के बजाय परिस्थितिजन्य मजबूरी के तहत लिया गया है। दरअसल, आयोग के पास नगर निकाय चुनाव के लिए आवश्यक संख्या में ईवीएम उपलब्ध नहीं हैं। झारखंड को अब तक ईवीएम के लिए बिहार सहित अन्य पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन इस बार पड़ोसी राज्यों ने भी अपनी सीमाओं और आगामी चुनावी जरूरतों का हवाला देते हुए ईवीएम देने में असमर्थता जता दी है।

 

इसके अलावा ईवीएम निर्माण करने वाली कंपनी ने भी आयोग को साफ तौर पर सूचित किया है कि मांग के अनुरूप नई ईवीएम तैयार करने में कम से कम एक वर्ष का समय लगेगा। ऐसे में चुनाव को और अधिक समय तक टालना संवैधानिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित नहीं माना गया। इन्हीं कारणों को ध्यान में रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने बैलेट पेपर के जरिए नगर निकाय चुनाव कराने का निर्णय लिया है।

 

हालांकि बैलेट पेपर से चुनाव कराना आयोग और चुनावी मशीनरी के लिए आसान नहीं होगा। मतदान केंद्रों पर मतपत्रों की छपाई, भंडारण, वितरण और सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होगी। वहीं मतदान के बाद मतगणना की प्रक्रिया भी समयसाध्य और जटिल होगी। ईवीएम की तुलना में बैलेट पेपर से मतगणना में अधिक समय लगेगा और चुनाव कर्मियों पर कार्यभार भी बढ़ेगा।

 

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी इस फैसले को लेकर मिश्रित हैं। कुछ दल इसे लोकतंत्र के लिए बेहतर बताते हुए पारदर्शिता बढ़ने की बात कर रहे हैं, जबकि कुछ दलों ने सुरक्षा और निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाए हैं। आम मतदाताओं के बीच भी इस फैसले को लेकर उत्सुकता है, खासकर युवा मतदाताओं के लिए यह एक नया अनुभव होगा।

 

राज्य निर्वाचन आयोग ने भरोसा दिलाया है कि बैलेट पेपर से होने वाले चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी होंगे। इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था, मतदान कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण और मतगणना के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। कुल मिलाकर, झारखंड में नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराना एक चुनौती जरूर है, लेकिन आयोग इसे सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए पूरी तरह तैयार नजर आ रहा है।