झामुमो ने बिहार चुनाव में 12 सीटों की मांग की, सहयोग न मिलने पर अकेले लड़ने के संकेत

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए बड़ा राजनीतिक संकेत दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि झामुमो महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहता है, लेकिन यदि गठबंधन में उन्हें कम से कम 5% हिस्सेदारी नहीं दी जाती, तो पार्टी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने पर विचार करेगी।

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प्रेस वार्ता में भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो ने महागठबंधन से 12 विधानसभा सीटों की मांग की है और उन्हें उम्मीद है कि गठबंधन के अन्य दल — विशेषकर राजद और कांग्रेस — इस मांग को गंभीरता से लेंगे। उन्होंने कहा, “हमने गठबंधन की भावना से बात रखी है। अब देखना यह है कि हमारी भावनाओं और राजनीतिक हिस्सेदारी को कितना सम्मान मिलता है।”

 

15 अक्टूबर को केंद्रीय समिति की बैठक

झामुमो प्रवक्ता ने जानकारी दी कि इस संबंध में 15 अक्टूबर को पार्टी की केंद्रीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है, जिसमें बिहार चुनाव को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में सीटों के बंटवारे, गठबंधन की स्थिति और स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की संभावना जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।

 

सहयोगियों से समान सम्मान की अपेक्षा

भट्टाचार्य ने यह भी याद दिलाया कि झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान झामुमो ने अपने सहयोगी दलों को 6 सीटें दी थीं, जिनमें से एक विधायक आज भी अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महागठबंधन भी झामुमो को उसी भावना और सम्मान के साथ देखे।

 

तीसरे दल को फायदा न हो

उन्होंने चेताया कि यदि गठबंधन के भीतर संवाद और सम्मान का माहौल नहीं बनता, तो इसका राजनीतिक फायदा किसी तीसरे दल को मिल सकता है, जिससे महागठबंधन को नुकसान हो सकता है। “अगर हमने राजद को परोस कर दिया है, तो हमें भी उम्मीद है कि हमारी भागीदारी को गंभीरता से लिया जाएगा,” भट्टाचार्य ने जोड़ा।