खटिया एक्सप्रेस: जब सिस्टम फेल हो, तो आप ही बनता है सहारा

पाकुड़ (झारखंड): झारखंड के अमड़ापाड़ा प्रखंड के डूमरचीर पंचायत स्थित बड़ा बास्को पहाड़ गांव से एक तस्वीर ने सरकारी योजनाओं की पोल खोल दी है। यहां रहने वाले कमला पहाड़िया ने अपने बीमार बेटे बामना पहाड़िया को इलाज के लिए खाट पर लादकर दो किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक पहुंचाया, क्योंकि गांव में आज तक संपर्क पथ नहीं बना है।

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कमला पहाड़िया ने बताया कि उनके गांव तक वाहन नहीं पहुंच सकता क्योंकि सड़क ही नहीं है। ऐसे में जब बेटे की तबीयत बिगड़ी, तो उसे अस्पताल तक ले जाना चुनौती बन गया। उन्होंने अपने परिजनों और ग्रामीणों की मदद ली और खाट में बांधकर बेटे को टांगते हुए सड़क तक पहुंचे, जहां से वाहन की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया।

 

गांववाले बताते हैं कि हर बारिश में यह परेशानी और बढ़ जाती है। आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी बड़ा बास्को पहाड़ जैसे गांव बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। अब सवाल उठता है: क्या खाट ही झारखंड के ग्रामीणों की एंबुलेंस बनती रहेगी? या कोई अधिकारी इन पहाड़ों तक विकास की राह बनाएगा?