चाईबासा में कोल्हान बंद का व्यापक असर, बाजार बंद और सड़कों पर पसरा सन्नाटा

चाईबासा: पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन द्वारा मंगलवार को की गई घोषणा के बाद बुधवार को चाईबासा सहित पूरे कोल्हान क्षेत्र में बंद का व्यापक असर देखने को मिला। सुबह होते ही बंद समर्थक झंडे और बैनर लेकर सड़कों पर उतर आए और शहर के विभिन्न हिस्सों में घूम-घूमकर व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कराया। बंद का मुख्य उद्देश्य सोमवार को चाईबासा में हुए पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश जताना था।

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सुबह से ही चाईबासा के मुख्य बाजार, टाटा रोड, संतुला चौक, टेवरपीसी रोड, बस स्टैंड, और बड़ा पोस्ट ऑफिस क्षेत्र में लगभग सभी दुकानें बंद रही। कई इलाकों में वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित रही। बंद समर्थकों ने जगह-जगह नारेबाजी की और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे आदिवासी समाज के लोगों पर लाठीचार्ज करना सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।

 

बंद के दौरान सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति बेहद कम रही, जबकि स्कूल-कॉलेजों में भी छात्रों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में काफी घट गई। ग्रामीण क्षेत्रों जैसे झींकपानी, मनोहरपुर, टोंटो और हाटगम्हरिया में भी बंद का असर देखने को मिला। कई स्थानों पर सड़कों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। हालांकि किसी बड़े उपद्रव या हिंसक घटना की सूचना नहीं मिली है।

 

पुलिस प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पूरे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। एसपी चाईबासा सौरभ अग्रवाल ने बताया कि शहर में अतिरिक्त पुलिस बल, दंगा नियंत्रण वाहन और महिला पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

वहीं, आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं किया गया और दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। फिलहाल, शाम तक चाईबासा शहर में स्थिति सामान्य होती दिखी, लेकिन बाजारों में सन्नाटा और लोगों के चेहरों पर तनाव साफ झलक रहा है।