कोल्हान विश्वविद्यालय में छात्रों की परेशानी बढ़ी — छठे सेमेस्टर 2024 की मार्कशीट और रिजल्ट जारी करने में हो रही देरी, छात्रों ने की शिकायत

जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय (Kolhan University) के स्नातक पाठ्यक्रमों के चौथे, पाँचवें और छठे सेमेस्टर की परीक्षा 2024 के परिणामों और मार्कशीट जारी करने में हो रही लंबी देरी को लेकर छात्रों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन की इस सुस्ती के कारण न केवल विद्यार्थियों के भविष्य पर असर पड़ रहा है, बल्कि कई छात्रों के करियर संबंधी अवसर भी खतरे में हैं।

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शनिवार को एनएसयूआई (NSUI) के छात्र नेता जैकी राय ने इस विषय में कुलपति, परीक्षा नियंत्रक और रजिस्ट्रार सहित कोल्हान विश्वविद्यालय के सभी संबंधित अधिकारियों को एक औपचारिक ईमेल भेजकर मामले की शिकायत दर्ज की है। ईमेल में कहा गया है कि 16 अक्टूबर 2025 को परीक्षा परिणाम घोषित किया गया था, लेकिन आज 25 अक्टूबर तक यानी 10 दिनों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी छात्रों को उनकी मार्कशीट और डिजिटली साइन की हुई कॉपी प्रदान नहीं की गई है।

 

जैकी राय ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि इस देरी के चलते जिन छात्रों को उच्च शिक्षा या नौकरी के लिए आवेदन करना है, वे आवेदन प्रक्रिया में पिछड़ रहे हैं। कई छात्रों के प्रवेश फॉर्म, छात्रवृत्ति और प्रतियोगी परीक्षा की तिथि नजदीक होने के कारण वे मानसिक तनाव में हैं। उन्होंने कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र कार्रवाई नहीं करता, तो इससे छात्रों को भविष्य में गंभीर नुकसान हो सकता है।

 

ईमेल में एनएसयूआई नेता ने विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया है कि सभी छात्रों की मार्कशीट तुरंत ऑनलाइन जारी की जाए और अगले 10 दिनों के भीतर सभी छात्रों को डिजिटली सर्टिफाइड कॉपी प्रदान की जाए, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रह सके। उन्होंने विश्वविद्यालय से इस विषय को “उच्च प्राथमिकता” में लेकर शीघ्र एवं ठोस कार्रवाई की मांग की है।

 

छात्र संगठनों का कहना है कि यह समस्या केवल कुछ विभागों तक सीमित नहीं है, बल्कि अधिकांश कॉलेजों के छात्रों को अपनी मार्कशीट और रिजल्ट प्राप्त करने में परेशानी हो रही है। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील की है कि तकनीकी प्रक्रिया को तेज किया जाए और परिणामों को पारदर्शी तरीके से समय पर उपलब्ध कराया जाए।

 

छात्रों का कहना है कि यदि आने वाले दिनों में समाधान नहीं निकला, तो वे आंदोलन करने को भी मजबूर होंगे। अब देखना यह होगा कि कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन इस गंभीर मामले पर कितनी तेजी से कदम उठाता है।