सड़क के अभाव ने ली गर्भवती महिला की जान, बेबस सिस्टम पर उठे गंभीर सवाल

गुमला (झारखंड): गुमला जिले के घाघरा प्रखंड अंतर्गत झलकापाट गांव से एक बेहद हृदयविदारक और व्यवस्था की पोल खोलने वाली घटना सामने आई है। सड़क सुविधा के अभाव में समय पर इलाज न मिल पाने के कारण एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। यह घटना न सिर्फ स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे की बदहाल स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

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मृतका की पहचान झलकापाट गांव निवासी सुकरी कुमारी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि सुकरी कुमारी गर्भावस्था के अंतिम चरण में थीं और अचानक उन्हें तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। परिजनों ने तत्काल एंबुलेंस बुलाने की कोशिश की, लेकिन गांव तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस वहां नहीं पहुंच सकी। मजबूर होकर परिजनों ने सुकरी कुमारी को पारंपरिक बहंगी में लादकर करीब एक किलोमीटर दूर काड़ासिल्ली गांव तक पहुंचाया।

 

इस दौरान महिला की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। काड़ासिल्ली गांव पहुंचने के बाद किसी तरह वाहन की व्यवस्था कर उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इलाज के दौरान सुकरी कुमारी की मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

 

ग्रामीणों का कहना है कि झलकापाट गांव में वर्षों से सड़क निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई। बरसात के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब गांव पूरी तरह से मुख्य मार्ग से कट जाता है। ऐसे में बीमार, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को अस्पताल तक पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं होता।

 

इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सरकारी योजनाएं और दावे जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से सड़क निर्माण और स्वास्थ्य सुविधाओं को तत्काल दुरुस्त करने की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी और मां की जान इस तरह बेबस सिस्टम की भेंट न चढ़े। यह घटना सिर्फ एक महिला की मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था की असफलता का जीता-जागता उदाहरण है।