झारखंड के चाईबासा से स्वास्थ्य विभाग की शर्मनाक लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में गंभीर गलती के चलते मंझारी प्रखंड के सात वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को HIV संक्रमित खून चढ़ा दिया गया। घटना सामने आने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है, वहीं परिजनों में गहरा आक्रोश है।

जानकारी के अनुसार, पीड़ित बच्चा पिछले कई वर्षों से थैलेसीमिया से ग्रसित है और हर महीने सदर अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए आता था। परिजनों ने बताया कि 18 अक्टूबर को जब बच्चे का नियमित ट्रांसफ्यूजन किया गया, तो कुछ दिनों बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद जब जांच कराई गई तो रिपोर्ट में बच्चे का HIV पॉजिटिव पाया गया।
बच्चे के पिता ने बताया कि उन्होंने बच्चे के इलाज के दौरान अस्पताल के ब्लड बैंक से ही रक्त लिया था। आशंका जताई जा रही है कि ब्लड बैंक में जांच प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती गई, जिसके कारण संक्रमित खून बच्चे को चढ़ा दिया गया। उन्होंने बताया कि माता-पिता दोनों की HIV जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है, जिससे यह साफ हो गया कि संक्रमण अस्पताल के रक्त के जरिए हुआ है।
पीड़ित परिवार ने इस पूरे मामले की शिकायत उपायुक्त को सौंपी है और दोषी कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। पिता ने यह भी आरोप लगाया कि ब्लड बैंक के एक कर्मचारी के साथ उनका पिछले वर्ष विवाद हुआ था, जिसके खिलाफ उन्होंने दुर्व्यवहार का मामला दर्ज कराया था। उनका कहना है कि उसी कर्मचारी ने बदले की भावना से संक्रमित खून बच्चे को दिया।
इस घटना के बाद जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है और दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि बच्चे के संपूर्ण इलाज की जिम्मेदारी सरकार उठाए।
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। सिविल सर्जन ने कहा है कि रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की कार्यशैली और खून की जांच व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।