कर्नाटक मैसूर के बोगादी के रहने वाले 45 वर्षीय दक्षिणामूर्ति कृष्णा कुमार अपनी 75 वर्षीय मां चूड़ारत्नमा को 24 साल पुराने स्कूटर पर पूरे देश की यात्रा कराते हुए शनिवार को जमशेदपुर पहुंचे। शनिवार की रात साकची के रामकृष्ण मठ में रहेंगे, वहीँ रविवार को फिर अपनी मां के साथ यात्रा पर निकल जाएंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में पिता का निधन हो गया था। उस समय कृष्णा कुमार बेंगलुरु में कॉर्पोरेट में उच्च पद पर कार्यरत थे।
पिता के स्वर्गवास होने के बाद वह एक दिन रात में मां से पूछा की, मां किसी धार्मिक स्थल पर गई है या जाना चाहती है तो उसने कहा मैं तो घर के सामने वाली प्रतिष्ठित मंदिर भी कभी नहीं गई। यही बात डी कृष्णा कुमार को चुभ गई और उन्होंने संकल्प लिया कि मां को पूरे भारतवर्ष के धार्मिक स्थलों का दर्शन कराएंगे और फिर इसके बाद वे अच्छी पॅकेज वाली कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़कर 16 जनवरी 2018 को मां चूडारत्नाम्मा को पिता के दिए गए पुराना स्कूटर से ही मातृ सेवा संकल्प यात्रा के लिए निकल गए जो अभी तक चल रही है। डी कृष्ण कुमार ने बताया कि झारखंड होते हुए वो छत्तीसगढ़ जायेंगे। छत्तीसगढ़ के बाद आंध्र प्रदेश जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अब तक केरल, तमिलनाडू, कर्नाटक, पांडीचेरी, गोवा, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, कन्याकुमारी, नेपाल, भूटान, म्यांमार देश में यात्रा कर चुके हैं। अब तक स्कूटर से करीब 95 हज़ार 282 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह कभी भी बाहर का खाना नहीं खाते, वे जिस आश्रम में ठहरते हैं वहीं का दिया हुआ भोजन ही ग्रहण करते हैं बाहर का खाना उन्हें पसंद नहीं है। उन्होंने यह भी कहा मां बाप की सेवा जीवित रहते हुए जो नहीं कर सका वैसा जीवन बेकार है। यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश रहती है कि प्रतिदिन डेढ़ सौ किलोमीटर तय करें। उन्होंने कहा मां बाप की सेवा जीवित रहते हुए जो नहीं कर सका वैसा जीवन बेकार है।