महाकुंभ के नाम सुनते ही लौटी याददाश्त

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ ने एक ऐसे परिवार को मिला दिया, जिसने अपने मुखिया को 15 वर्षों पहले खो दिया था. झारखंड के कोडरमा जिले के मरकच्चो थाना क्षेत्र निवासी प्रकाश महतो कोलकाता के म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में कार्यरत थे. लेकिन 9 मई 2010 को वे ड्यूटी पर जाते समय अचानक लापता हो गए थे. मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे घर लौटने का रास्ता भूल गए. परिजनों और पुलिस ने काफी खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.

 

दरअसल, पश्चिम बंगाल के रानीगंज में एक होटल के मालिक सुमित साव ने उन्हें वर्षों पहले अपने होटल में काम पर रख लिया था. वह उन्हें ‘पहलवान’ नाम से बुलाते थे. हाल ही में जब होटल में महाकुंभ जाने की चर्चा हो रही थी, तो प्रकाश महतो ने अचानक कहा कि वे कुंभ जाना चाहते हैं, क्योंकि उनका घर भी उसी रास्ते में है. यह सुनकर होटल मालिक को संदेह हुआ और उन्होंने प्रकाश से उनके घर-परिवार की जानकारी ली. इसके बाद सुमित साव ने इंटरनेट के माध्यम से कोडरमा पुलिस से संपर्क किया और उनकी पहचान की पुष्टि होने पर मरकच्चो थाना को सूचित किया.

 

“खबर मिलते ही प्रकाश महतो का परिवार रानीगंज पहुंचा. अपने पति और पिता को सामने देखकर उनकी पत्नी गीता देवी, 18 वर्षीय बेटा सुजल और 16 वर्षीय बेटी रानी की आंखें खुशी से छलक पड़ीं. जिन बच्चों ने अपने पिता को केवल तस्वीरों में देखा था, वे आज उन्हें गले लगाकर रो पड़े. वहीं, पत्नी गीता देवी ने मजदूरी कर बच्चों की परवरिश की, क्योंकि परिवार को यह उम्मीद ही नहीं थी कि प्रकाश कभी वापस आएंगे. परिजनों ने मृत घोषित करने के लिए आवेदन तक कर दिया था, क्योंकि कोलकाता म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने उन्हें मृत मानकर परिवार को नौकरी की पेशकश की थी.”