बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व पक्ष और विपक्ष अपने-अपने तरीके से जनता को आकर्षित करने में जुटे हुए है। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक नयी योजना के तहत 2 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा कर दी है। यह निर्णय नीतीश कुमार की कैबिनेट ने लिया है। जिसे ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ‘ नाम दिया गया है। इस योजना को कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है। इसकी जानकारी खुद नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर दी है।

उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि “हमलोगों ने नवम्बर, 2005 में सरकार बनने के बाद से ही महिला सशक्तीकरण के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। अब महिलाएं अपनी मेहनत से न केवल बिहार की प्रगति में अपना योगदान दे रही हैं बल्कि वे अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही हैं। इसी मिशन को आगे बढ़ाते हुए हमलोगों ने महिलाओं के हित में अब एक महत्वपूर्ण एवं अभूतपूर्व निर्णय लिया है जिसके सकारात्मक दूरगामी परिणाम होंगे।”
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि “हमारी सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक में महिलाओं के रोजगार के लिए एक नई योजना ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की स्वीकृति दी है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य के सभी परिवारों की एक महिला को उनकी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता देना है।”
उन्होंने इस योजना की जानकारी देते हुए लिखा है
आर्थिक सहायता के रूप में सभी परिवारों की एक महिला को अपनी पसंद के रोजगार हेतु 10 हजार रुपए की राशि प्रथम किस्त के रूप में दी जाएगी। इच्छुक महिलाओं से आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। इसकी पूरी व्यवस्था एवं प्रक्रिया का निर्धारण ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा किया जाएगा एवं इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग का भी आवश्यकतानुसार सहयोग लिया जाएगा। सितम्बर, 2025 से ही महिलाओं के बैंक खाते में राशि का हस्तांतरण प्रारंभ कर दिया जाएगा। महिलाओं द्वारा रोजगार शुरू करने के 6 माह के बाद आकलन करते हुए 2 लाख रुपए तक की अतिरिक्त सहायता आवश्यकतानुसार दी जा सकेगी। राज्य में गांवों से लेकर शहर तक महिलाओं के उत्पादों की बिक्री के लिए हाट बाजार विकसित किए जाएंगे।
अंत में उन्होंने लिखा कि “मुझे विश्वास है कि इस योजना के क्रियान्वयन से न सिर्फ महिलाओं की स्थिति और ज्यादा मजबूत होगी बल्कि राज्य के अंदर ही रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे तथा मजबूरी में लोगों को रोजगार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।”