जेल का नाम सुनते ही अक्सर ताले, सख्ती और निगरानी का ख्याल आता है, लेकिन अब इस छवि को इटली की अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले से बदल दिया है। अदालत ने कैदियों को अपने जीवनसाथी या पार्टनर से प्राइवेट तरीके से मिलने की अनुमति दे दी है। जी हां, अब इटली की जेलों में स्पेशल इंटिमेट रूम्स बनाए जाएंगे, जहां कैदी बिना किसी गार्ड की निगरानी के दो घंटे तक अपने साथी के साथ निजी पल बिता सकेंगे।

क्या है यह फैसला?
अदालत ने इस निर्णय को मानवाधिकार से जुड़ा मामला मानते हुए कहा कि “जेल का मतलब इंसानी रिश्तों को खत्म करना नहीं है।” इसके पीछे तर्क दिया गया कि लंबे समय तक निजी संबंधों से कटे रहने पर कैदियों की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ता है। इससे न केवल कैदियों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि उनके पुनर्वास की प्रक्रिया भी प्रभावी बन सकती है।
कैसे होगा लागू?
- जेल में बनाए जाएंगे स्पेशल प्राइवेट रूम्स
- इन कमरों में कोई गार्ड या सीसीटीवी कैमरा नहीं होगा
- हर कैदी को अपने साथी के साथ दो घंटे का समय मिलेगा
- सुविधा धीरे-धीरे पूरे देश की जेलों में लागू की जाएगी
इस तरह की सुविधा पहले से ही फ्रांस, जर्मनी और स्पेन जैसे देशों में मौजूद है, और अब इटली भी इसी दिशा में आगे बढ़ गया है।
कैदियों में खुशी की लहर
इस फैसले के बाद इटली के कैदियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। कई मानवाधिकार संगठनों ने भी अदालत के इस फैसले की सराहना की है और कहा कि यह निर्णय ‘जेल में इंसानियत की जगह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम’ है। अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या भारत की जेल व्यवस्था भी ऐसे मानवीय और पुनर्वास केंद्रित फैसलों की ओर कदम बढ़ाएगी?