अब हड्डी टूटने पर नहीं लगाना पड़ेगा प्लेट या रॉड, इस ग्लू से जुड़ जाएंगे बोन

बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ने पशुओं के हड्डी उपचार में बड़ी सफलता हासिल की है। संस्थान ने ऐसा बोन ग्लू तैयार किया है, जिससे हड्डियों के टूटे टुकड़े बिना किसी प्लेट या रॉड के जुड़ सकेंगे। यह खास ग्लू भैंस के ऊतकों से बनाया गया है और 21 से 25 दिनों में हड्डियों को जोड़ने में सक्षम है। 

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प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रेखा पाठक की देखरेख में हुए शोध में इस ग्लू का सफल परीक्षण छोटे जानवरों जैसे खरगोश, गिनी पिग और छोटे कुत्तों पर किया गया। प्रयोग के दौरान टूटी हड्डियों पर यह ग्लू लगाया गया, जो लगाने के बाद तरल से धीरे-धीरे सख्त परत में बदल गया। करीब 21 दिनों में हड्डियां जुड़ गयीं और जानवर सामान्य तौर पर चलने लगे। बरेली में सफल परीक्षण के बाद जम्मू और जबलपुर के वेटरिनरी कॉलेज में भी इस बोन ग्लू का परीक्षण हुआ, यहां भी परिणाम सकारात्मक रहे। डॉ. रेखा ने बताया कि इस शोध के तहत बोन ग्राफ्ट और फिर कोलेजन जैल भी तैयार किया गया था। इन दोनों का उपयोग इस बोन ग्लू में भी हुआ है। 

शोध छात्र देवेंद्र मांगेर ने बताया कि 10 किलो से कम वजन वाले जानवरों में बोन ग्लू के परिणाम 100 फीसदी सफल रहे। हालांकि, बड़े जानवरों में हड्डी जोड़ने के दौरान इसका असर तो दिखा, मगर वजन ज्यादा होने से उन्हें प्लेट और स्क्रू भी लगाने पड़े। डॉ. रेखा के अनुसार, यह ग्लू 15 दिनों में ही हड्डी के जुड़ने के संकेत देने लगता है। एक्स-रे में भी इसका असर साफ दिखता है। अब इंसानों की हड्डी जोड़ने के लिए भी इस पर काम जारी है और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर इसमें परीक्षण कर रहे हैं। आईवीआरआई अब इस बोन ग्लू का पेटेंट कराने की तैयारी में है। पेटेंट मिलते ही यह तकनीक बाजार में आ सकेगी और पशु चिकित्सक इसका इस्तेमाल कर पाएंगे।