वैश्विक मान्यता की ऊँचाइयों पर CLAP, NUSRL रांची को मिला MacJannet Prize में दूसरा स्थान | नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (NUSRL), रांची के सेंटर फॉर लीगल एड प्रोग्राम (CLAP) ने वैश्विक स्तर पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हुए MacJannet Prize for Global Citizenship 2025 में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। यह पुरस्कार विश्वभर के विश्वविद्यालयों के छात्र-नेतृत्व वाले सामाजिक पहलों को सम्मानित करता है, और इसे Talloires Network of Engaged Universities एवं MacJannet Foundation द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया जाता है। पुरस्कार के तहत CLAP को 7,500 अमेरिकी डॉलर की राशि भी प्रदान की गई है। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि CLAP को भारत का दूसरा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) बनाती है जिसे यह पुरस्कार मिला है। इससे पूर्व बेंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) को वर्ष 2014 में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था। अब एनयूएसआरएल, रांची का CLAP इस पंक्ति में अगला नाम बन गया है।

CLAP का कार्य और योगदान
वर्ष 2011 में स्थापित, CLAP एक छात्र-नेतृत्वित एवं संकाय-संरक्षित पहल है जो कानून की शिक्षा को समाजिक न्याय के साथ जोड़ने का कार्य करता है। CLAP ने झारखंड जैसे सामाजिक रूप से वंचित राज्य में कई ज़मीनी परियोजनाएं चलाई हैं—जैसे कि गांव गोद लेना, वरिष्ठ नागरिक कल्याण कार्यक्रम, कारा भ्रमण, विधिक जागरूकता अभियान, प्रोजेक्ट सारथी (कारागार आधारित कानूनी सहायता और पुनर्वास), क्लाइंट काउंसलिंग, स्पीड मेंटरिंग तथा प्रशिक्षण सत्र और राष्ट्रीय संगोष्ठियाँ।
CLAP की इस सफलता में नेतृत्व टीम की अहम भूमिका रही है। स्टूडेंट कन्वीनर: अनन्या के संगरा, सेक्रेटरी: अमन आयुष, कोषाध्यक्ष: वैष्णवी भारद्वाज , इन तीनों ने संगठन की दिशा और कार्यक्षमता को नए स्तर तक पहुँचाया। इनके साथ फैकल्टी कन्वीनर डॉ. मृत्युंजय मयंक और डॉ. श्वेता मोहन, स्टूडेंट एडवाइजर हर्ष अनमोल और दिवांशी अग्रवाल, तथा वरिष्ठ सदस्य सेजल, आकाश कच्छप, और विश्रुत वीरेंद्र ने मिलकर CLAP के अभियानों को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारा। एनयूएसआरएल के कुलपति प्रो. (डॉ.) अशोक आर. पाटिल ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा:
“यह पुरस्कार CLAP की सामाजिक न्याय के लिए निष्ठा का प्रमाण है। हमारे छात्र जिस सहानुभूति, ईमानदारी और संकल्प के साथ कार्य कर रहे हैं, वह विश्वविद्यालय के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है। हमें उन पर गर्व है।”
यह पुरस्कार CLAP को अपनी परियोजनाओं के विस्तार, विशेषकर प्रोजेक्ट सारथी और झारखंड के ग्रामीण व जनजातीय क्षेत्रों में सशक्तिकरण की नई पहलों को आरंभ करने में सहायता करेगा। Talloires Network, जिसमें 92 देशों के 400 से अधिक विश्वविद्यालय शामिल हैं, द्वारा यह मान्यता NUSRL की वैश्विक स्तर पर बढ़ती पहचान को रेखांकित करती है।
यह उपलब्धि न केवल CLAP की बल्कि पूरे राज्य और देश की कानूनी शिक्षा व्यवस्था के लिए एक प्रेरणास्पद उदाहरण है।