रांची: झारखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम को लेकर अहम जानकारी साझा की है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार नगर निकाय चुनाव पुराने परिसीमन (delimitation) के आधार पर ही कराए जाएंगे। यानी कि नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

निर्वाचन आयोग ने बताया कि 2011 की जनगणना के बाद से नई जनगणना के आंकड़े अभी तक जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में नए परिसीमन का कार्य संभव नहीं है। इसलिए आगामी नगर निकाय चुनाव में 2011 के जनगणना के आंकड़ों के अनुसार ही चुनाव होंगे। राज्य में कुल 48 नगर निकाय हैं, जिनमें 12 नगर निगम शामिल हैं। इन नगर निगमों का कार्यकाल वर्ष 2020 में समाप्त हो चुका है, जबकि अन्य नगर परिषदों और नगर पंचायतों का कार्यकाल 2023 में पूरा हो गया है।
आयोग ने मतदान व्यवस्था को लेकर भी कई अहम बदलाव किए हैं। इस बार एक मतदान केंद्र (बूथ) पर अधिकतम 1400 मतदाता होंगे। इससे पहले यह सीमा 1200 मतदाताओं की थी। आयोग का मानना है कि इससे मतदान प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित और त्वरित होगी।
निकाय चुनाव में इस बार मतदाताओं को दो प्रकार के मतपत्र दिए जाएंगे। मेयर, नगर परिषद अध्यक्ष या नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र होगा, जबकि वार्ड पार्षदों के चुनाव के लिए सफेद रंग का मतपत्र इस्तेमाल किया जाएगा। मतदाता दोनों के लिए अलग-अलग बैलेट बॉक्स में अपने मत डालेंगे।
उधर, नगर निकाय चुनाव को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर 10 नवंबर को सुनवाई होनी है। वहीं, राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर यह स्पष्ट किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नगर निकाय चुनाव संपन्न करा दिए जाएंगे।