जमशेदपुर: झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने और छात्रों को अन्य कॉलेजों में स्थानांतरित करने के आदेश के खिलाफ छात्र संगठनों का गुस्सा अब सड़कों पर उतर आया है। मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में इंटरमीडिएट छात्र-छात्राओं ने जमशेदपुर में उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने उपायुक्त कार्यालय के सामने मुख्य सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया, जिससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई। इस दौरान कुछ अधिकारियों को वाहन से कार्यालय के अंदर जाने से भी रोक दिया गया, जिसके कारण उन्हें पैदल ही कार्यालय में प्रवेश करना पड़ा।
छात्रों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और सरकार की शिक्षा नीति को “छात्र विरोधी” करार दिया। छात्रों का कहना है कि इंटरमीडिएट की पढ़ाई अचानक बंद कर देना शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है और इससे हजारों छात्रों को भारी असुविधा हो रही है। कॉलेज शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया को भी छात्रों ने अव्यवस्थित और छात्रहित के विपरीत बताया।
छात्र संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है, तो आने वाले दिनों में राज्यव्यापी आंदोलन तेज किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आज उन्होंने उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया है, लेकिन अगला कदम राज्यपाल भवन और मुख्यमंत्री आवास के घेराव का होगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
प्रदर्शन को देखते हुए उपायुक्त कार्यालय के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। हालांकि, प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हाल ही में राज्य सरकार ने आदेश जारी कर कॉलेजों में इंटरमीडिएट (11वीं-12वीं) की पढ़ाई बंद करने का निर्णय लिया है और छात्रों को अलग माध्यमिक शिक्षा संस्थानों में स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। सरकार का तर्क है कि यह कदम उच्च शिक्षा संस्थानों को विश्वविद्यालय स्तर की पढ़ाई पर केंद्रित करने के लिए उठाया गया है, लेकिन छात्र इस फैसले को अव्यावहारिक मान रहे हैं।