झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दिवंगत रामदास सोरेन के निधन के बाद अब उनके बड़े बेटे सोमेश सोरेन घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे। घाटशिला विधानसभा कमेटी की बैठक में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और इसकी जानकारी प्रदेश आलाकमान को भी भेज दी गई है।

यह अहम बैठक घाटशिला के पावड़ा स्थित माझी परगना महाल भवन में आयोजित हुई। बैठक में चार प्रखंडों—घाटशिला, धालभूमगढ़, मुसाबनी और गुड़ाबांदा—के पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में सोमेश सोरेन को उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा और उनके नेतृत्व पर भरोसा जताया।
सोमेश सोरेन ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय रामदास सोरेन ने घाटशिला क्षेत्र के लोगों के बीच कम समय में ही अपनी मेहनत और कार्यशैली से अलग पहचान बनाई थी। अब उनकी कोशिश होगी कि वे उन्हीं मूल्यों और संकल्पों को लेकर जनता की सेवा करें।
सोमेश ने इंटरनेट मीडिया पर भी अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने लिखा, “मेरा उद्देश्य क्षेत्र की जनता की समस्याओं को गहराई से समझना और उनके समाधान के लिए पूरी ईमानदारी से काम करना होगा। पिता के अधूरे सपनों को पूरा करना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है।” उन्होंने अपने संदेश में पिता की तस्वीर को नमन किया और मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।
बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने कहा कि सोमेश सोरेन एक युवा और ऊर्जावान चेहरा हैं। वे अपने पिता के आदर्शों और जनता के प्रति समर्पण की भावना को आगे बढ़ाएंगे। कार्यकर्ताओं का मानना है कि क्षेत्र की जनता पहले ही रामदास सोरेन के कार्यों से प्रभावित रही है और अब सोमेश पर भी भरोसा जताएगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में झामुमो की प्रदेश नेतृत्व टीम भी औपचारिक घोषणा कर सकती है। हालांकि, स्थानीय स्तर पर पहले ही समर्थन का माहौल तैयार हो चुका है।
रामदास सोरेन के निधन से खाली हुई घाटशिला विधानसभा सीट पर यह उपचुनाव बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि झामुमो के लिए यह चुनाव न केवल एक सीट का सवाल है बल्कि दिवंगत नेता की राजनीतिक विरासत को संभालने का भी अवसर है।