रांची : राजधानी रांची के नगरी में रविवार को आदिवासी समाज द्वारा प्रस्तावित “हल जोतो अभियान” को लेकर पूरे झारखंड में हलचल तेज रही। प्रशासन ने पहले से ही आंदोलन को रोकने के लिए सख्त रणनीति तैयार कर रखी थी। इसी क्रम में जगह-जगह भारी पुलिस बल की तैनाती की गई और नगरी की ओर बढ़ने वाले प्रदर्शनकारियों को बीच रास्ते पर ही रोक दिया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र हिरासत में
आंदोलन के दौरान पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र और घाटशिला से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन को तमाड़ा में हिरासत में ले लिया। वे अपने समर्थकों के साथ नगरी की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते पर ही रोक दिया।
जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा भी डिटेन
सरायकेला जिले के कांद्रा थाना क्षेत्र में जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वे भी अपने समर्थकों के साथ नगरी जाने की तैयारी में थे।
प्रशासन ने की कड़ी नाकेबंदी
नगरी में जिस स्थान पर हल जोतने की योजना बनाई गई थी, वहां चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। प्रशासन का कहना है कि बिना अनुमति किसी भी प्रकार के आंदोलन की इजाज़त नहीं दी जाएगी।
राजनीतिक रंग ले रहा मामला
यह मामला अब झारखंड की राजनीति में नया मोड़ ले चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र का हिरासत में लिया जाना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। भाजपा और झामुमो समर्थक आमने-सामने आ सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमा सकता है, क्योंकि इसे आदिवासी अस्मिता और भूमि अधिकार से जोड़ा जा रहा है।
तनावपूर्ण माहौल, पुलिस का दावा हालात काबू में
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई जिलों में नोकझोंक की भी खबरें आई हैं, हालांकि प्रशासन का कहना है कि हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं और किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं है। फिलहाल नगरी और आसपास के क्षेत्रों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।