रांची के होटवार जेल में फिर मचा हड़कंप, पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के सेल से मिला मोबाइल चार्जर – कई अधिकारी निलंबित

राजधानी रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (होटवार जेल) एक बार फिर सुर्खियों में है। मनी लांड्रिंग के आरोप में जेल में बंद झारखंड के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के सेल से मोबाइल चार्जर की बरामदगी ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोमवार को हुई इस घटना के बाद जेल प्रशासन और राज्य कारा विभाग में हड़कंप मच गया है।

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अदालत के निर्देश पर हुई छापेमारी

जानकारी के मुताबिक, यह छापेमारी न्यायिक जांच समिति द्वारा अदालत के निर्देश पर की गई थी। जांच टीम ने जब आलमगीर आलम के अपर डिवीजन सेल की तलाशी ली, तो वहां से एक मोबाइल चार्जर बरामद हुआ। हालांकि तलाशी के दौरान मोबाइल फोन नहीं मिला, लेकिन चार्जर की उपस्थिति ने इस बात पर संदेह गहरा दिया कि जेल के अंदर मोबाइल जैसे निषिद्ध सामान का उपयोग संभव है।

 

नॉनवेज खाते पाए गए कैदी

छापेमारी के दौरान जांच टीम ने एक अन्य कैदी को बिना अनुमति के नॉनवेज (मुर्गा) खाते हुए पाया। इस पर समिति ने जेल प्रशासन से कड़ा सवाल किया। जवाब में अधिकारियों ने कहा कि कैदी अपनी निजी राशि से कैंटीन से वस्तुएं खरीद सकते हैं, लेकिन समिति इस उत्तर से पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिखी।

 

लापरवाही पर गिरी गाज

इस पूरे प्रकरण के बाद आईजी (जेल) सुदर्शन प्रसाद मंडल ने जांच रिपोर्ट के आधार पर कठोर कार्रवाई की है। मुख्य उच्च कक्षपाल अवधेश कुमार सिंह और क्लर्क प्रमिला कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, अनुबंध पर कार्यरत पूर्व सैनिक मिटकू उरांव और विश्वनाथ उरांव की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इसके अलावा, जेल अधीक्षक सुदर्शन मुर्मू और सहायक जेलर देवनाथ राम से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

 

जांच जारी, जेल में बढ़ी सख्ती

फिलहाल, पूरे मामले की विस्तृत जांच जारी है। जेल प्रशासन ने कहा है कि इस घटना के बाद सभी बैरकों की सघन जांच की जा रही है और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।

 

सूत्रों के अनुसार, जेल परिसर में इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों में भय और सतर्कता का माहौल देखा जा रहा है। वहीं, राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि आखिरकार एक वीआईपी कैदी तक निषिद्ध सामान कैसे पहुंच गया।