802 बोतल शराब पीने के आरोपों की जांच में बेदाग निकले चूहे, चूहों को मिला न्याय

धनबाद की सरकारी शराब दुकानों से शराब गायब होने के मामले में जिस पर सबसे ज्यादा उंगली उठी थी – यानी ‘नशेड़ी चूहे’, अब वो निर्दोष साबित हुए हैं! जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि शराब चोरी का ठीकरा बेवजह चूहों पर फोड़ा गया था। असल में मैनपावर आपूर्ति एजेंसी आरके एंड कंपनी ने खुद की लापरवाही और गड़बड़ियों को छिपाने के लिए चूहों को बलि का बकरा बनाया।

Trulli

 

झारखंड के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रताप सिंह ने इस पूरे मामले पर स्पष्ट रूप से कहा कि “चूहों को फंसाने की साजिश अब सामने आ चुकी है।” मंत्री ने कहा कि अब विभाग इस एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा और पूरे नुकसान की भरपाई भी कंपनी से ही की जाएगी।

चूहों पर आरोप की कहानी अब खत्म

दरअसल, कुछ समय पहले यह सनसनीखेज दावा किया गया था कि धनबाद की शराब दुकानों से करीब 802 बोतल विदेशी शराब गायब हो गई और इसकी जिम्मेदारी चूहों पर डाल दी गई थी। यह खबर सामने आते ही पूरे देश में मज़ाक बन गया। सोशल मीडिया पर “दारू के दीवाने चूहे” ट्रेंड करने लगे थे। लेकिन अब जांच के बाद यह साफ हो गया है कि चूहे नहीं, बल्कि इंसानी चालबाजी इस चोरी के पीछे थी।

अब कंपनी पर गिरेगी गाज

मंत्री ने जानकारी दी कि विभाग ने जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की रूपरेखा तैयार कर ली है। आरके एंड कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है, साथ ही उनसे संपूर्ण स्टॉक नुकसान की वसूली भी की जाएगी।

जनता ने ली राहत की सांस, चूहों को मिला न्याय!

इस खुलासे के बाद लोग सोशल मीडिया पर चुटकी ले रहे हैं कि “कम से कम अब चूहे अपनी छवि सुधार पाएंगे!” और “नशे में चूर चूहे” अब केवल अफवाह निकले!