रांची:शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची से दो ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने रिश्तों की पवित्रता और मानवता को तार-तार कर दिया। एक तरफ टाटीसिलवे में एक पिता ने अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ दरिंदगी की हदें पार कर दीं, तो दूसरी ओर बुढ़मू में एक चाचा ने अपनी भतीजी के साथ हैवानियत का खेल खेला। दोनों घटनाएं समाज को झकझोर देने वाली हैं और यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि मासूम बच्चियों के लिए घर भी अब सुरक्षित नहीं बचा।

टाटीसिलवे:
पिता द्वारा अपनी बेटी के साथ कथित यौन शोषण की यह घटना सामने आने के बाद पीड़िता की मां ने साहस दिखाते हुए थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। मां ने बताया कि बेटी पिछले कुछ समय से गुमसुम रहने लगी थी। जब उसे भरोसे में लेकर पूछा गया तो उसने जो बताया, वह सुनकर मां के पैरों तले जमीन खिसक गई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है और बच्ची को काउंसलिंग व मेडिकल सहायता दी जा रही है।
बुढ़मू:
वहीं, दूसरी घटना में एक चाचा ने उस बच्ची को निशाना बनाया, जिसे वह पिता समान सुरक्षा देने वाला माना जाता है। आरोपी ने मौका पाकर अपनी भतीजी के साथ घिनौनी हरकत की। बच्ची की चीख सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और आरोपी को मौके पर पकड़ लिया। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।
कड़ी कार्रवाई की मांग
दोनों ही मामलों में पुलिस ने POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। पीड़ित बच्चियों का मेडिकल परीक्षण कराए जा रहे हैं और दोनों आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की जा रही है। जिला प्रशासन और बाल संरक्षण इकाई ने भी मामले पर गंभीर रुख अपनाया है।
सामाजिक प्रतिक्रिया
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय और कड़ी सजा जरूरी है, ताकि समाज में एक सख्त संदेश जाए। इन घटनाओं ने यह भी साबित कर दिया है कि बच्चों के यौन शोषण के मामले सिर्फ स्कूल, मोहल्ला या सार्वजनिक स्थलों तक सीमित नहीं, बल्कि घरों के भीतर भी मौजूद हैं – और यही सबसे खतरनाक पहलू है।