राज्य सरकार ने सरकारी कर्मियों के सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। अब सरकारी कर्मचारी नियमों और शर्तों के तहत ही सोशल मीडिया का उपयोग कर सकेंगे। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने मंगलवार को यह आदेश जारी किया है।
सरकार के मुताबिक सरकारी कर्मचारी सोशल मीडिया पर मर्यादित और अनुशासित व्यवहार बनाए रखें। वे सरकारी नीतियों की आलोचना, राजनीति से जुड़ी गतिविधियों में भागीदारी और आपत्तिजनक पोस्ट करने से बचें।
मुख्य प्रतिबंध:
राजनीतिक गतिविधि पर रोक
कोई भी सरकारी कर्मी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं होगा और किसी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में हिस्सा नहीं लेघा
अपने अकाउंड की डीपी या प्रोफाइल पिक्चर में किसी राजनीतिक दल का प्रतीक नहीं लगा सकेगा।
सरकारी नीतियों की आलोचना नहीं कर सकेंगे
सोशल मीडिया पर सरकार की नीति या किसी सरकारी कार्रवाई पर टिप्पणी, आलोचना या चर्चा नहीं कर सकेंगे।
किसी भी संवेदनशील या गोपनीय जानकारी को साझा करने पर रोक होगी।
मर्यादा और सभ्य व्यवहार अनिवार्य
सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण, अश्लील या धमकी भरे पोस्ट नहीं कर सकेंगे।
जाति, धर्म, वर्ग, लिंग या क्षेत्र को लेकर भेदभावपूर्ण टिप्पणी करने की अनुमति नहीं होगी।
व्यक्तिगत लाभ और प्रचार वर्जित
कोई भी सरकारी कर्मी किसी उत्पाद या व्यवसाय का प्रचार नहीं कर सकेगा।
आर्थिक लाभ प्राप्त करने की स्थिति में नियुक्ति प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी।
कार्यालय समय में सोशल मीडिया का दुरुपयोग नहीं
कार्यस्थल से जुड़ी शिकायतों को सोशल मीडिया पर साझा नहीं करेंगे, बल्कि उचित अधिकारी को सूचित करेंगे।
कार्यालय समय में अनावश्यक रूप से सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
न्यायालय से जुड़े मामलों पर पोस्ट नहीं
किसी भी कोर्ट के आदेश या निर्देश पर ऐसा कोई पोस्ट नहीं करेंगे, जिससे न्यायालय की अवमानना हो।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकारी कर्मियों को सोशल मीडिया के उपयोग और सरकारी नीतियों के प्रति जिम्मेदार व्यवहार अपनाने की सलाह दी गई है।