दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार 6 जून, 2025 को किया गया. इस पुल के निर्माण से भारतीय इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है. चिनाब ब्रिज को लेकर भारतीय रेलवे के इंजीनियरों का दावा है कि यह पुल अगले 120 सालों से भी ज्यादा समय तक चलेगा. वहीं, 8 तीव्रता वाले भूकंप को भी झेलने में सक्षम होगा. बता दें, चिनाब ब्रिज प्रोजेक्ट की शुरुआत 2005 में शुरू हुई थी. वहीं, साल 2022 में फुल-स्पीड ट्रेनों के सफल ट्रायल रन के साथ पुल का काम पूरा हुआ. कई सालों से ब्रिज का चल रहा काम अब आखिरकार समाप्त हो गया है. वहीं, इस ब्रिज के उद्घाटन के साथ एक नाम काफी चर्चा का विषय बना हुआ है, वो है माधवी लता. चलिए हम आपको उनके बारे में बताते हैं.

कौन हैं प्रोफेसर माधवी लता?
बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) में प्रोफेसर माधवी लता ने जियोटेक्निकल सलाहकार के तौर पर काम किया। उन्होंने ब्रिज बनाने वाली कंपनी Afcons के साथ मिलकर इसकी प्लानिंग, डिजाइन और कंस्ट्रक्शन में मदद की। खास तौर पर, उन्होंने उस मुश्किल इलाके की चुनौतियों को समझा और उनका हल निकाला, जहां यह ब्रिज बनाया गया।
प्रोफेसर माधवी लता ने 1992 में जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया, जहां उन्हें फर्स्ट क्लास के साथ डिस्टिंक्शन मिला। इसके बाद, उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वारंगल से जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में एम.टेक किया और गोल्ड मेडल हासिल किया।
साल 2000 में, उन्होंने IIT-मद्रास से जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की। अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर उन्हें कई पुरस्कार मिले। 2021 में इंडियन जियोटेक्निकल सोसाइटी ने उन्हें बेस्ट वुमन जियोटेक्निकल रिसर्चर अवॉर्ड दिया। 2022 में उन्हें भारत की टॉप 75 वुमन इन STEAM में भी शामिल किया गया।