NEP की उलझन में उलझे छात्र, सरयू राय बने संकटमोचक, शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की समस्या का समाधान निकाले राजभवन

जमशेदपुर: नयी शिक्षा नीति (NEP) को लेकर झारखंड में मचे घमासान के बीच शनिवार को छात्रों को राहत की बड़ी खबर मिली। विधायक सरयू राय ने राज्यपाल द्वारा 12वीं के छात्रों के लिए जारी संशोधित आदेश का स्वागत करते हुए इसे एक “समय पर लिया गया सही फैसला” बताया है।

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इस आदेश के तहत अब 12वीं के छात्र उन्हीं महाविद्यालयों में पढ़ाई जारी रख सकेंगे, जहां वे पहले से अध्ययनरत हैं। श्री राय ने इसके लिए राज्यपाल और राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का आभार व्यक्त किया है।

 

सरयू राय ने खुलासा किया कि एक सप्ताह पहले उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए राजभवन और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से फोन पर विस्तार से चर्चा की थी। उनका कहना है कि बिना पूरी तैयारी के नयी शिक्षा नीति को लागू करने से छात्र, शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी सभी परेशान थे।

 

हालांकि, विधायक ने चेताया कि अभी लड़ाई अधूरी है। छात्रों की समस्या तो हल हो गई, लेकिन शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की परेशानी जस की तस बनी हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे इस मसले पर भी सरकार और राजभवन से वार्ता कर समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।

 

श्री राय ने सुझाव दिया कि जब तक सरकार नयी शिक्षा नीति के लिए जरूरी आधारभूत ढांचा नहीं तैयार कर लेती, तब तक झारखंड में “हाइब्रिड मॉडल” को अपनाया जाए। उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया कि जहां-जहां सरकारी कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई होती है, वहां अलग से इंटर कॉलेज स्थापित किए जाएं। सरयू राय ने नयी शिक्षा नीति के चक्रव्यूह से छात्रों को निकालने की दिशा में पहला तीर चला दिया है, अब अगला निशाना शिक्षकों और कर्मचारियों की राहत पर है।