जमशेदपुर: मानगो चौक से डिमना चौक तक बनी फोरलेन सड़क के दोनों ओर बने नालों की सफाई और मरम्मत को लेकर टाटा स्टील यूआईएसएल और मानगो नगर निगम के बीच जिम्मेदारी का टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। दोनों एजेंसियों के बीच जारी खींचतान का खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा है, जो बरसात के दिनों में जलजमाव और गंदगी से बेहाल है।

टाटा स्टील यूआईएसएल ने झाड़ा पल्ला
विधायक सरयू राय द्वारा भेजे गए प्रतिनिधिमंडल के साथ गुरुवार को हुई बैठक में यूआईएसएल के प्रबंध निदेशक ऋतुराज सिन्हा ने स्पष्ट रूप से कहा कि नालों की सफाई उनकी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह नगर निगम का कार्यक्षेत्र है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यूआईएसएल सिर्फ निर्माण और मरम्मत से जुड़ा है, सफाई उनकी सीमा से बाहर है।
नगर निगम के आदेश के बावजूद इनकार
यह बयान उस पत्र के विपरीत है जो नगर निगम के उप नगर आयुक्त ने 2 जुलाई को जारी किया था, जिसमें यूआईएसएल को ही नालों की सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था। ऐसे में क्षेत्र में भ्रम और नाराजगी का माहौल है, क्योंकि दो जिम्मेदार संस्थाएं एक-दूसरे पर टालमटोल कर रही हैं।
15 वर्षों से नहीं हुई नालों की सफाई
प्रतिनिधिमंडल ने एमडी को बताया कि इन नालों की पिछले 15 वर्षों में एक बार भी सफाई नहीं हुई है। जगह-जगह नाले ध्वस्त हो चुके हैं और बारिश में पानी घरों और दुकानों में घुसता है। लोगों को भारी स्वास्थ्य और संपत्ति संबंधी नुकसान हो रहा है।
सीएसआर के तहत सफाई का सुझाव भी ठुकराया गया
जब प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया कि यूआईएसएल सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत सफाई की जिम्मेदारी ले, तो ऋतुराज सिन्हा ने इस प्रस्ताव को भी सीधे तौर पर खारिज कर दिया।
अन्य क्षेत्रों पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
प्रतिनिधिमंडल ने शहर के अन्य हिस्सों की समस्याएं भी उठाईं। कुछ स्थानों पर सकारात्मक आश्वासन मिला:
- साकची ताप्ती रोड: जर्जर नाले की मरम्मत पर सहमति
- बिष्टुपुर बेल्डीह बस्ती: दलमा व्यू पार्क के पास फटे नाले पर कार्रवाई का आश्वासन
- सोनारी बंगाली कॉलोनी: मरम्मत को लेकर सकारात्मक रुख
- कदमा-सोनारी: खेल मैदान और ओपन जिम प्रस्तावों पर विचार की बात
जनता की पीड़ा: “नालों की सफाई करेगा कौन?”
मानगो की हजारों की आबादी आज इस सवाल से जूझ रही है – जब टाटा स्टील यूआईएसएल और नगर निगम दोनों जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं, तो इन गंदे और जर्जर नालों की सफाई आखिर करेगा कौन? बारिश के दिनों में यह संकट और भी गंभीर रूप लेता जा रहा है।