नई दिल्ली: बैंक ग्राहकों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है। वित्त मंत्रालय ने बैंकिंग लॉ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत अब बैंक खातों और लॉकरों में अधिकतम चार नॉमिनी (Nominees) जोड़ने की अनुमति दे दी है। यह नया नियम 1 नवंबर 2025 से पूरे देश में लागू होगा। मंत्रालय का कहना है कि इस निर्णय से बैंकिंग प्रणाली में सुविधा, पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी, साथ ही ग्राहकों को अपने परिवार के हितों की रक्षा करने में भी आसानी होगी।

अब तक ग्राहक अपने खाते या लॉकर में केवल एक ही नॉमिनी नियुक्त कर सकते थे, जिससे कई बार मृत्यु या क्लेम की स्थिति में परिवार के सदस्यों के बीच विवाद और कानूनी जटिलताएँ उत्पन्न हो जाती थीं। लेकिन नए प्रावधान के बाद, खाताधारक चार लोगों तक को नॉमिनी बना सकेंगे। ये नॉमिनी दो तरह से हो सकते हैं — Simultaneous (एक साथ) या Successive (क्रमिक)।
बचत खाता, चालू खाता और फिक्स्ड डिपॉजिट में ग्राहक चाहें तो सभी चार नॉमिनी को एक साथ जोड़ सकते हैं। वहीं, लॉकर के मामले में केवल Successive Nomination की अनुमति होगी। यानी यदि पहला नॉमिनी उपलब्ध नहीं है, तो अगला नॉमिनी स्वचालित रूप से अधिकार प्राप्त करेगा।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, अब खाताधारकों को प्रत्येक नॉमिनी के लिए हिस्सेदारी का प्रतिशत तय करना अनिवार्य होगा, जो कुल मिलाकर 100% होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, कोई ग्राहक पहला नॉमिनी 40%, दूसरा 30%, तीसरा 20% और चौथा 10% रख सकता है। इससे भविष्य में उत्तराधिकार या क्लेम को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं होगा और संपत्ति का वितरण पूरी तरह पारदर्शी रहेगा।
सरकार ने सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे 1 नवंबर 2025 से पहले अपने सिस्टम को अपडेट करें और ग्राहकों को इस बदलाव की जानकारी दें। जल्द ही “बैंकिंग कंपनीज (नॉमिनेशन) नियम, 2025” भी जारी किया जाएगा, जिसमें नॉमिनी जोड़ने, बदलने या हटाने की पूरी प्रक्रिया और आवश्यक फॉर्म का विवरण होगा।
इस संशोधन अधिनियम में केवल नॉमिनी से जुड़े प्रावधान ही नहीं, बल्कि बैंकों के निदेशकों के कार्यकाल से जुड़ी पारदर्शिता बढ़ाने वाले नियम भी शामिल किए गए हैं। अब निदेशकों की नियुक्ति और कार्यकाल पर सख्त सीमाएं लागू होंगी ताकि बैंकिंग प्रणाली में जवाबदेही और नैतिक संचालन सुनिश्चित किया जा सके।