रांची: स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा अंगीभूत महाविद्यालयों में अध्ययनरत 12वीं कक्षा के छात्रों के स्थानांतरण के निर्देश के खिलाफ छात्रों और अभिभावकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में ‘इंटरमीडिएट बचाओ संघर्ष समिति’ ने आंदोलन को और तेज करने की घोषणा की है। समिति का कहना है कि इस आदेश से हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।

शिक्षा मंत्री के रवैये से छात्र असंतुष्ट
संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने 8 जुलाई को बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से मुलाकात की थी। समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि मंत्री का रवैया बेहद उदासीन और निराशाजनक रहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री को छात्रों को स्पष्ट दिशा-निर्देश देने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने सिर्फ “चिंता मत करो” कहकर पल्ला झाड़ लिया।
15 जुलाई को रांची में राज्यव्यापी प्रदर्शन
‘इंटरमीडिएट बचाओ संघर्ष समिति’ ने 15 जुलाई को रांची में राजभवन घेराव करने का ऐलान किया है। उन्होंने राज्य के सभी प्रभावित जिलों के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से इस प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। समिति का कहना है कि यदि सरकार ने छात्रों की चिंताओं पर गंभीरता से विचार नहीं किया, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।
प्रेस वार्ता में आंदोलन की जानकारी
आज आयोजित प्रेस वार्ता में समिति के सदस्यों शुभम झा, सबिता सोरेन, दीपानिता, मनीषा, सिमरन, अर्पिता, आदित्य, अनंतो, गोलू, अर्जुन, ठाकुर प्रसाद, रोशन सहित कई छात्र उपस्थित थे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे छात्रों के भविष्य के साथ कोई समझौता नहीं होने देंगे और हर स्तर पर संघर्ष जारी रहेगा।
समिति ने राज्य सरकार से यह मांग की है कि स्थानांतरण के फैसले को तुरंत रद्द किया जाए और छात्रों की पढ़ाई में किसी भी तरह का व्यवधान न डाला जाए। साथ ही उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से भी इस छात्र हितैषी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।