चांडिल: छठ पर्व के दौरान शहरबेड़ा घाट पर हुई दर्दनाक डूबने की घटना में तीसरे युवक प्रतीक यादव (19 वर्ष) का शव भी मंगलवार को बरामद कर लिया गया। स्थानीय गोताखोरों की मदद से प्रतीक का शव पानी से निकाले जाने के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। प्रशासन ने राहत की सांस ली, लेकिन परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, हालांकि शोकाकुल परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से साफ इंकार कर दिया।

यह हादसा सोमवार की शाम संध्या अर्घ्य के दौरान घटित हुआ जब नहाने के क्रम में 11 वर्षीय आर्यन यादव गहरे पानी में चला गया। उसे बचाने की कोशिश में उसके मामा संजय यादव और चचेरा भाई प्रतीक यादव ने भी नदी में छलांग लगा दी। तीनों को डूबता देख घाट पर मौजूद चांडिल पुलिस का एक जवान भी उन्हें बचाने के लिए नदी में कूद पड़ा, लेकिन तेज बहाव के कारण वह भी असफल रहा। देखते ही देखते छठ पूजा की खुशियों का माहौल मातम में बदल गया।
घटना की जानकारी मिलते ही उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुनायत समेत कई प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। देर शाम स्थानीय गोताखोरों की मदद से आर्यन यादव का शव बरामद कर लिया गया था। इसके बाद पूरी रात एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिली। मंगलवार सुबह संजय यादव का शव मिला और दोपहर तक प्रतीक यादव का भी शव पानी से बाहर निकाला गया।
जानकारी के मुताबिक, आर्यन, संजय यादव का भांजा था। संजय आदित्यपुर रायडीह बस्ती के निवासी थे और छठ मनाने अपनी बहन के घर मानगो आए थे। इस दुखद हादसे से पूरा परिवार सदमे में है। बताया जाता है कि जिस स्थान पर यह घटना घटी, उसे प्रशासन ने पहले से ही “डेंजर जोन” घोषित कर रखा था। बावजूद इसके बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां पहुंच गए। प्रशासनिक चेतावनियों की अनदेखी और सुरक्षा नियमों की अनदेखी ने एक ही परिवार से तीन जिंदगियां छीन लीं।
घटना के बाद आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि छठ जैसे पवित्र पर्व पर इस तरह की हृदयविदारक घटना पूरे आदित्यपुर क्षेत्र को झकझोर गई है। उन्होंने प्रशासन से पीड़ित परिवार को हर संभव आर्थिक सहायता और सहयोग देने की मांग की।
सामाजिक संगठन जनकल्याण मोर्चा और झारखंड लीगल एडवाइजरी एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (JLADO) ने भी इस त्रासदी पर शोक व्यक्त किया है। जनकल्याण मोर्चा के अध्यक्ष अधिवक्ता ओम प्रकाश ने कहा कि यह समय किसी पर आरोप लगाने का नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता बढ़ाने का है। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की कि भविष्य में ऐसे अवसरों पर प्रशासनिक दिशानिर्देशों का पालन कर अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।