सोमवार को कार्यालय अवधि के दौरान डॉ. नरेन्द्र कुमार दास जी अचानक अस्वस्थ हो गए और बेहोश होकर गिर पड़े। सहकर्मियों, मित्रों और शुभचिंतकों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें सेवा सदन अस्पताल, रांची में भर्ती कराया। प्रारंभिक लक्षणों के आधार पर हृदयगति रुकने (हार्ट अटैक) की आशंका जताई गई, लेकिन चिकित्सकीय परीक्षण के बाद पता चला कि वे अग्न्याशय (पैंक्रियाज) की बीमारी से पीड़ित थे। संघर्ष करते हुए, वे कल देर रात 11:00 बजे इस दुनिया को अलविदा कह गए। अपने पीछे पत्नी और पांच वर्षीय पुत्र, वृद्ध माता एवं भाई बहन को छोड़ गए।
41 वर्षीय डॉ. नरेन्द्र कुमार दास केवल एक शिक्षक ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय भाषा और संस्कृति के एक समर्पित शोधार्थी एवं विद्वान थे। संघ के अध्यक्ष डॉ एस ०के० झा ने कहा है कि उनका निधन न केवल उनके परिवार और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि झारखंड ने भी एक होनहार युवा शिक्षाविद् को खो दिया है। केंद्रीय अध्यक्ष डॉ०झा ने कहा कि नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर को ना तो ईपीएफ की सुविधा है,ना ही स्वास्थ्य बीमा लाभ और ना ही हमारा परिवार सरकार के किसी भी कल्याणकारी नीति से आच्छादित है।
सचिव डॉ ब्रह्मानंद साहू ने दुख प्रकट करते हुए कहा है कि झारखंड असिस्टेंट प्रोफेसर कांट्रैक्चुअल एसोसिएशन (JAPCA) के समस्त शिक्षक इस दुखद घटना से गहरे शोकाकुल हैं। संघ की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हम प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार, मित्रों एवं सहयोगियों को इस कठिन समय को सहन करने की शक्ति दें।
कोषाध्यक्ष डॉ सुमंत कुमार ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि संघ के सभी सदस्य शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े हैं और नम आँखों से डॉ. नरेन्द्र कुमार दास को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। अंतिम संस्कार के लिए संघ की ओर से पंद्रह हजार की राशि उनके परिवार को प्रदान की गई है। अंतिम संस्कार में डाॅ०एस.के.झा, डॉ.ब्रह्मानंद साहू, डॉ.सुमंत कुमार, डॉ.रोहित चौबे, डॉ०सुनील कुमार, डॉ.अमित पातर, डॉ ०चंद्रदेव मुंडा,डॉ.कृष्ण सिंह मुंडा, डॉ०वासुदेव महतो, डॉ०अरविंद कुमार साहू सहित दर्जनों शिक्षक शामिल हुए।