हेलमेट लगाइए, खदान घूमिए! देश का पहला ‘माइनिंग टूरिज्म’ अब शुरू, रोमांच के साथ मिलेगा लंच भी!

रांची:अब तक आपने पहाड़, जंगल, मंदिर और समुद्र की सैर की होगी, लेकिन क्या आपने कभी खदान के अंदर झांका है? नहीं? तो अब तैयार हो जाइए एक नए तरह के अनुभव के लिए! झारखंड अब देश का पहला राज्य बन गया है, जहां ‘माइनिंग टूरिज्म प्रोजेक्ट’ की औपचारिक शुरुआत हो गई है। इस अनूठी पहल की शुरुआत आज प्रोजेक्ट भवन, रांची में हुए MoU साइनिंग कार्यक्रम के साथ हुई, जिसमें झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार, JTDC और CCL के अधिकारी शामिल हुए।

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खनिजों की धरती, अब बनेगी पर्यटन की पहचान

झारखंड को यूं ही खनिज, जंगल और ऊर्जा की धरती नहीं कहा जाता। भारत के कुल खनिज उत्पादन में 40% से अधिक योगदान देने वाला यह राज्य अब अपने खनन क्षेत्रों को दर्शनीय स्थलों में बदल रहा है।
झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) की साझेदारी में शुरू हुई यह परियोजना, लोगों को खनन का रोमांचक, शैक्षणिक और सुरक्षित अनुभव देगी।

यहां मिलेगा ‘कोल’ का कूल अनुभव

पर्यटक अब ओपन कास्ट खदानों, साइलो साइट्स और कोलफील्ड क्षेत्रों का नज़दीक से अवलोकन कर सकेंगे। इस पूरे टूर के दौरान आपको मिलेगा:

  • सुरक्षा गियर और गाइडेड टूर
  • स्वादिष्ट नाश्ता और दोपहर का भोजन
  • फोटोजेनिक साइट्स और जीवनभर की यादें

कहां-कहां ले जाएगी माइनिंग टूरिज्म की रेल

  • रजरप्पा मंदिर + खनन भ्रमण: ₹2800 प्रति व्यक्ति + GST
  • पतरातु घाटी के नज़ारे + माइनिंग टूर: ₹2500 प्रति व्यक्ति + GST

इच्छुक पर्यटक यहां धार्मिक यात्रा, इको-माइनिंग, औद्योगिक यात्रा, और एडवेंचर टूरिज्म — इन सभी का मिश्रण एक साथ अनुभव कर सकेंगे।

झारखंड बना ‘माइनिंग टूरिज्म’ का पथ प्रदर्शक

इस परियोजना का उद्देश्य है कि पर्यटक झारखंड की आर्थिक रीढ़ — खनन से जुड़े तथ्यों को नजदीक से समझें, और राज्य की संस्कृति, तकनीक और औद्योगिक परंपरा का हिस्सा बनें।