कुत्ते ने पड़ोसी को काटा तो कोर्ट ने मालिक को सुनाई सजा

मुंबईः मुंबई में पड़ोसी को कुत्ता काटने के मामले में मजिस्ट्रेट अदालत ने डॉग के मालिक को चार महीने जेल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने कुत्ते के मालिक पर चार हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। जुर्माना न चुकाने पर कुत्ते के मालिक को अतिरिक्त 15 दिन की कैद भुगतनी होगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि जुर्माने की राशि अंतिम निर्णय के बाद पीड़ित को मुआवजे के रूप में दी जाए।

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लिफ्ट के अंदर कुत्ते ने काटा था

जानकारी के अनुसार, वर्ली स्थित अल्फा अपार्टमेंट में एक व्यक्ति द्वारा अपने पालतू कुत्ते को नियंत्रित करने में लापरवाही बरतने के मामले में मुंबई की मजिस्ट्रेट अदालत ने कुत्ते के मालिक को चार महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह घटना 1 फरवरी 2018 को हुई थी, जिसमें रिषभ मौशिक पटेल नामक व्यक्ति के हस्की नस्ल के कुत्ते ने पड़ोसी रामिक शाह को लिफ्ट के अंदर काट लिया था।

कोर्ट ने कहा जानबूझकर दोषी ने कुत्ते से कटवाया

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुहास विजय पी. भोसले ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपी ने बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद कुत्ते को जबरदस्ती लिफ्ट में घसीटा और उसे पीड़ित पर छोड़ दिया। कोर्ट ने CCTV फुटेज का हवाला देते हुए कहा कि आरोपी ने न केवल अपने पालतू कुत्ते के प्रति संवेदनशीलता दिखाई, बल्कि लिफ्ट में पहले से मौजूद व्यक्ति, उसके डेढ़ साल के बेटे और घरेलू सहायिका की भी परवाह नहीं की।

 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि घटना के समय पीड़ित का डेढ़ साल का पुत्र भी उसके साथ लिफ्ट में मौजूद था। आरोपी ने जैसे जबरन कुत्ते को अंदर घसीटा, उससे यह साबित होता है कि वह न अपने पालतू के प्रति संवेदनशील है और न ही अन्य लोगों की सुरक्षा को लेकर सजग। ऐसे में आरोपी को अधिक नरमी का लाभ नहीं दिया जा सकता।

पीड़ित ने पुलिस थाने में दर्ज कराया था मामला

घटना के बाद पीड़ित रामिक शाह ने वर्ली पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 324 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 289 (पालतू जानवर के संबंध में लापरवाही) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

कोर्ट में दोनों पक्षों की तरफ से दी गई ये दलीलें

अभियोजन पक्ष ने अदालत में CCTV फुटेज, चिकित्सा रिपोर्ट और गवाहों के बयानों के आधार पर आरोपी की भूमिका को साबित किया। वहीं बचाव पक्ष ने वीडियो फुटेज की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए और दोनों पक्षों के बीच पुरानी रंजिश का हवाला देते हुए झूठे फंसाए जाने का दावा किया। हालांकि, कोर्ट ने मामले की गहन जांच के बाद आरोपी को IPC की धारा 324 और 289 के तहत दोषी करार दिया, लेकिन धारा 506 के तहत उसे पर्याप्त सबूत न होने के कारण बरी कर दिया।

कोर्ट ने दोषी पर जुर्माना भी लगाया

कोर्ट ने आरोपी को IPC धारा 324 और धारा 289 के तहत दोषी पाया। धारा 324 में कोर्ट ने चार महीने का कठोर कारावास और 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया। जबकि IPC धारा 289 के तहत तीन महीने का कठोर कारावास और1,000 का जुर्माना भी लगाया।