रांची: चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का असर झारखंड में अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। राज्य के अधिकांश जिलों में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के अनुसार, तूफान के प्रभाव से 1 नवंबर तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इसके लिए विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि, 2 नवंबर से मौसम साफ होने और सर्दी में तेजी आने की उम्मीद जताई गई है।

मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के मुताबिक, शुक्रवार को देवघर, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहेबगंज जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। वहीं, पिछले 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। सबसे अधिक वर्षा पश्चिमी सिंहभूम के सोनुआ में 75.0 मिमी दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 1 नवंबर की सुबह हल्का कोहरा या धुंध छा सकता है, जबकि दिन में आसमान आंशिक रूप से बादलमय रहेगा।
मौसम विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि 2 नवंबर के बाद आसमान साफ होते ही न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। रांची, हजारीबाग, गुमला और बोकारो समेत कई जिलों में रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। हिमालय में बर्फबारी की संभावना के कारण नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड और बढ़ेगी, जबकि दिसंबर में राज्य में कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं।
इस बीच, लगातार हो रही बारिश ने धान की फसल पर गंभीर प्रभाव डाला है। यह समय फसल की कटाई का है और खेतों में फसल पककर तैयार है। ऐसे में लगातार वर्षा से किसानों की चिंता बढ़ गई है। कृषि विज्ञान केंद्र, जयनगर (कोडरमा) के कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि यह बारिश धान के लिए अत्यंत हानिकारक है। उनके अनुसार, “बारिश से खेतों में खड़ी पकी फसल झुक जाएगी, जिससे अंकुरण का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, जिन किसानों ने कटाई के बाद फसल को खेतों या खुले स्थानों पर रखा है, नमी के कारण उसका नुकसान हो सकता है।”
राजधानी रांची समेत पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह और कोडरमा में लगातार बारिश से सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। खेतों में जलभराव से किसानों को नुकसान की आशंका है, वहीं मौसम विभाग ने लोगों से बेहतर सावधानी बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।