वर्दी का रौब, देवघर में वाहन चेकिंग के दौरान महिला की मौत, गुस्साए लोगों ने पुलिस को दौरा-दौरा कर पीटा, देखें Video

देवघर: जिले के कुंदा थाना क्षेत्र में वाहन चेकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिस के हाथ दिए जाने और गाड़ी से चाबी निकालने के दौरान बड़ा हादसा हो गया. मोटरसाइकिल से गिरने से महिला की मौत हो गई. घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया और मृतक महिला के लिए न्याय की मांग करने लगे. घटना कुंदा थाना क्षेत्र के हटगढ़ मोड़ के पास की है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि रविवार को कुंदा थाना क्षेत्र के हटगढ़ मोड़ पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था. इसी दौरान महिला अपने पति के साथ मोटरसाइकिल से शादी समारोह में जा रही थी. ट्रैफिक पुलिस जवान ने अचानक उनकी मोटरसाइकिल को हाथ दिया और उनके वाहन से चाबी निकालने लगे. इसी दौरान महिला का संतुलन बिगड़ गया और वह मोटरसाइकिल से गिर गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया और मृतक महिला के लिए न्याय की मांग करने लगे.

मिली जानकारी के अनुसार, महिला जसीडीह थाना क्षेत्र के मानिकपुर की रहने वाली थी. महिला का नाम रेणु देवी बताया जा रहा है. घटना की जानकारी मिलने के बाद कुंदा थाना की विशेष टीम मौके पर पहुंची और लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया और जाम हटवाया. वहीं गुस्साए लोगों की मांग है कि मृतक के परिजनों को मुआवजा दी जाए और दोषी पुलिस के जवान खिलाफ कार्रवाई की जाए.

सांसद निशिकांत दुबे ने उठाए सवाल

वहीं पूरे मामले पर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने लिखा कि “सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ट्रैफिक पुलिस किसी वाहन की चाबी नहीं निकाल सकती, लेकिन देवघर पुलिस को रोज यही काम करना है. आज इस चक्कर में कुंडा थाना क्षेत्र में एक महिला की मृत्यु हो गई. जिम्मेदार कौन? महिला के बच्चे की देखभाल कौन करेगा? क्या वर्दी का रौब आम लोगों को परेशान करेगा?

ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान आपके अधिकार और पुलिस की सीमाएं क्या हैं.

वाहन की चाबी निकालना या टायर की हवा निकालना मोटर वाहन अधिनियम के तहत, ट्रैफिक पुलिस को आपकी गाड़ी की चाबी निकालने या टायर की हवा निकालने का अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो पुलिसकर्मी को यह करने की अनुमति देता हो.दस्तावेज

 प्रस्तुत करने के लिए समय

यदि आप तुरंत अपने वाहन के दस्तावेज (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) प्रस्तुत नहीं कर सकते, तो सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 के अनुसार, आपको इन्हें प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए. इस अवधि में दस्तावेज प्रस्तुत न करने पर ही चालान किया जा सकता है.

चालान राशि तय करने का अधिकार

कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस को चालान की राशि तय करने का अधिकार नहीं है. यह अधिकार केवल न्यायालय के पास है.अभद्र व्यवहार या झूठे मामले दर्ज करना यदि कोई पुलिसकर्मी झूठे मामले दर्ज करता है या अभद्र व्यवहार करता है, तो उसके खिलाफ अभियोजन के लिए पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है, और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.यदि चेकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिस इन सीमाओं का उल्लंघन करती है, तो आप संबंधित उच्च अधिकारियों या न्यायालय में शिकायत दर्ज कर सकते हैं.