महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के संगोला तालुका के हटीद गांव के रखने वाले बुजुर्ग दंपति महादेव पवार और आशाताई पवार लंदन में अपने बेटे से मिलने जा रहे थे। यह उनकी जिंदगी की पहली उड़ान थी, लेकिन यह यात्रा कभी पूरी नहीं हो सकी। अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुए विमान हादसे में दोनों की मौत हो गई।

महादेव और आशाताई पवार गुजरात के नाडियाड में एक कॉटन मिल में काम करते थे। उनके बड़े बेटे अहमदाबाद में ड्राइवर हैं, जबकि छोटा बेटा लंदन में कारोबार करता है। दंपति अपने छोटे बेटे को सरप्राइज देने के इरादे से लंदन जा रहे थे, लेकिन विमान में बैठने के कुछ ही देर बाद उनकी जिंदगी का अंत हो गया।
विमान में सवार होने से पहले महादेव पवार ने अपने बीमार छोटे भाई भाऊ पवार को फोन कर कहा था, “दवाई समय पर लेता रहूंगा, लौटकर मिलूंगा।” लेकिन किस्मत ने उन्हें यह वादा पूरा करने का मौका नहीं दिया। कुछ दिन पहले ही पवार दंपति गांव आए थे। उनके छोटे भाई की एक महीने पहले हार्ट सर्जरी हुई थी। लौटने पर मिलने का वादा करने वाले महादेव अब कभी नहीं लौट पाएंगे। यह हादसा सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि कई परिवार के सपनों का अंत भी है। लंदन में बेटे से मिलने की चाह, अपने भाई से फिर मिलने की उम्मीद सब कुछ चंद मिनटों में खत्म हो गया।