बिहार का ऐतिहासिक शहर ‘गया’ अब एक नए नाम से पहचाना जाएगा—‘गया जी’। सरकार का कहना है कि इस नाम परिवर्तन के पीछे शहर की पौराणिकता, ऐतिहासिकता और धार्मिक महत्व को सम्मान देना मुख्य उद्देश्य है। हिन्दू और बौद्ध धर्म के इस आस्था केंद्र को नई पहचान देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

गयासुर से ‘गया जी’ तक: एक पौराणिक यात्रा
पुराणों के अनुसार, यह शहर गयासुर नामक एक असुर के नाम पर बसा था। गयासुर ने भगवान विष्णु से वरदान प्राप्त किया कि उसका शरीर पाप नाशक होगा, लेकिन शक्ति के दुरुपयोग पर भगवान विष्णु ने उसे पाताल लोक में दबा दिया। माना जाता है कि जिस स्थान पर भगवान विष्णु ने गयासुर को अपने चरणों से दबाया, वहीं ‘गया जी’ की स्थापना हुई।
यह स्थान आज भी पूर्वजों के पिंडदान और श्राद्ध के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जहाँ लोग अपने पितरों की मुक्ति के लिए श्रद्धा से आते हैं।
‘गया जी’ न केवल बिहार की खूबसूरती का प्रतीक है, बल्कि श्रद्धा, संस्कार और संस्कृति की भी जीवंत मिसाल है।