आखिर किसका है भूमिहार मेंशन, जहां पनाह लिए था मुठभेड़ में मारा गया मुख्तार अंसारी गैंग का शूटर, अनुज कनौजिया का शव लेने पहुंची बहन

जमशेदपुर : उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के बहलोलपुर गांव का रहने वाला कुख्यात बदमाश अनुज कनौजिया जमशेदपुर के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के छोटा गोविंदपुर के अमलताश सिटी के जिस भूमिहार मेंशन में छिपा था, उसका मालिक कौन है। पुलिस अब उसकी तलाश में जुट गई है। अनुज कनौजिया को यहां छिपने के लिए किसने पनाहगाह दी थी। भूमिहार मेंशन की चाबी किसके पास रहती थी। किसने अनुज कनौजिया को यह चाबी उपलब्ध कराई थी। अनुज कनौजिया जमशेदपुर कैसे पहुंचा था। उसके जेहन में जमशेदपुर में छिपने का ख्याल कैसे आया और वह कौन लोग हैं जिन्होंने मुख्तार अंसारी गैंग के शातिर शूटर को यहां छिपने में मदद की है। यह ऐसे सवाल हैं जो लोगों के जेहन में तैर रहे हैं। पुलिस भी इन सवालों का जवाब खोजने में जुट गई है। जमशेदपुर पुलिस इस पूरे घटनाक्रम की तह तक पहुंचने की कोशिश में लगी हुई है।

गोरखपुर एसटीएफ और झारखंड की एटीएस ने मिल कर एक संयुक्त अभियान में शनिवार की रात मुख्तार अंसारी के गुर्गे अनुज कनौजिया को जमशेदपुर के गोविंदपुर के भूमिहार मेंशन में घेर कर एक मुठभेड़ में मार गिराया था। इलाके के लोग बताते हैं कि यूपी एसटीएफ की दो गाड़ियां दो दिन से इलाके में घूम रही थीं। शनिवार की रात आठ बजे एसटीएफ और झारखंड पुलिस की गाड़ियां क्षेत्र में पहुंची थीं। मगर, मुठभेड़ रात तकरीबन सवा 10 बजे शुरू हुई। इलाके के लोग बताते हैं कि कम से कम 45 राउंड गोलियां चली थीं। बताते हैं कि अनुज कनौजिया ने पुलिस पर 16 राउंड से अधिक फायरिंग की थी। यही नहीं, उसने बम भी फेंके थे। मगर, यह बम फटे नहीं थे। इन्हीं बमों को सुबह पुलिस की टीम ने आकर डिफ्यूज किया है।

क्षेत्र के एक युवक रमेश ने बताया कि शुरुआत में लगा कि आज हिंदू नववर्ष है। लग रहा था कि कुछ युवक त्योहार को लेकर पटाखे दाग रहे हैं। मगर, जब गोलियों की आवाज लगातार आने लगी तो लोगों ने बाहर निकल कर देखा। हर तरफ पुलिस ही पुलिस नजर आ रही थी। पुलिस ने अमलताश सिटी का गेट बंद कर दिया था। किसी को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। पुलिस को घटनास्थल से बमों के अलावा, 9 एमएम की ब्राउनिंग सर्विस पिस्टल और 32 बोर की एक पिस्टल भी बरामद की है। पुलिस का कहना है कि इस मुठभेड़ में उसने अनुज के एक साथी को गिरफ्तार कर लिया है।

 

गार्ड रूम के बाहर मारा गया अनुज

पुलिस जो कहानी बता रही है उसके अनुसार कुख्यात बदमाश अनुज कनौजिया भुमिहार मेंशन के गार्ड रूम में छिपा हुआ था। भुमिहार मेंशन जैसा नाम है वैसे कोई हवेली नहीं है। भूमि के एक प्लाट को ऊंची बाउंड्री से घेर कर गेट लगा दिया गया है। गेट पर भूमिहार मेंशन का बोर्ड लगा है। गेट से सटा हुआ गार्ड रूम बना हुआ है। इस रूम की छत पर टाटा स्काई का एंटीना लगा हुआ है। इससे जाहिर होता है कि अंदर टीवी भी होगा। बताया जा रहा है कि इसी छोटे से कमरे में अनुज कनौजिया पनाह लिए हुए था। गार्ड रूम के बाहर ही खून बिखरा हुआ है। इसी जगह एसटीएफ ने अनुज को मार गिराया और उसकी लाश पड़ी हुई थी। पुलिस ने भुमिहार मेंशन को सील कर दिया है। अंदर जहां लाश थी उस जगह को भी घेर दिया गया है ताकि सुबूत के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो। पुलिस की फोरेंसिक टीम भी यहां से सुबूत एकत्र करेगी।

 

सामने के मकान की छत पर भी थी एसटीएफ

आसपास के लोग बताते हैं कि एसटीएफ ने भुमिहार मेंशन को चारों तरफ से घेर लिया था। मेंशन के चारों तरफ पुलिस के जवान भी थे। गोरखपुर एसटीएफ के कुछ जवान मेंशन के पीछे की तरफ स्थित मकान में अंदर गए और घर वालों को भरोसे में लेने के बाद इसकी छत पर चढ़ गए थे। एसटीएफ के जो जवान इस छत पर थे उन्हीं की गोली से अनुज कनौजिया ढेर हुआ। क्योंकि, यहां से भूमिहार सदन का एक-एक कोना एसटीएफ की राइफलों की जद में था।

 

भूमिहार मेंशन पर चलेगा बुल्डोजर

पुलिस सूत्रों के अनुसार अब इस बात की जांच शुरू कर दी गई है कि भूमिहार मेंशन कहीं कब्जे की जमीन पर तो नहीं बना है। आसपास रहने वाले लोगों ने पुलिस को यही बताया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो अब भूमिहार मेंशन पर बुल्डोजर चल सकता है। इलाके के लोगों ने पुलिस को बताया है कि पहले भी यहां अड्डेबाजी होती रही है। बिहार के नंबर प्लेट वाली एक लग्जरी गाड़ी यहां अक्सर रात में आया करती थी। बताते हैं कि यहीं आसपास मानगो का एक शातिर बदमाश भी अड्डेबाजी करता था।

 

मुखबिर की सूचना पर हुई थी घेराबंदी

एसटीएफ को सूचना मिली थी कि अनुज कनौजिया परसुडीह के बारीगोड़ा में किसी घर में पनाह लिए हुए है। इसके बाद पुलिस ने यहां भी छापामारी की थी। एसटीएफ को मुखबिर से अनुज कनौजिया के बारे में लगातार जानकारी मिल रही थी। एसटीएफ के साथ जमशेदपुर पुलिस भी अनुज कनौजिया की टोह में लगी हुई थी। बताते हैं कि पुलिस अनुज कनौजिया के मोबाइल को भी सर्विलासं पर लिए हुए थी। पहले भी एसटीएफ को सूचना मिली थी कि अनुज कनौजिया बारीगोड़ा में अक्सर पनाह लेता था।

 

अनुज के भाई का भी हुआ था एनकाउंटर

अनुज कनौजिया के पिता हनुमान कनौजिया सरकारी स्कूल में टीचर थे। तीन भाइयों में अनुज सबसे छोटा था। साल 2006 में अनुज के बड़े भाई मनोज ने अपने एक विरोधी की हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस से मनोज की मुठभेड़ हुई और वह मारा गया। तभी अनुज जरायम की दुनिया में उतर गया। अनुज ने अपने भाई मनोज का बदला लेने के लिए उसके दुश्मन शरद सिंह को मौत के घाट उतार दिया और फरार हो गया था।