Jamshedpur: साकची स्थित कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम हस्पताल में शनिवार के दोपहर लगभग 3:30 बजे उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अस्पताल के बी ब्लॉक का एक बड़ा हिस्सा अचानक भरभराकर धराशायी हो गया। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त बी ब्लॉक के लावारिश वार्ड में कई मरीज भर्ती थे।

इमारत का हिस्सा गिरते ही वहां अफरा-तफरी मच गई और चीख-पुकार मच गई। घटना के बाद तत्काल अस्पताल प्रशासन की ओर से बिजली आपूर्ति को काट दिया गया ताकि किसी तरह की कोई और अनहोनी न हो। इसके बाद जिला प्रशासन के टीम के द्वारा लगभग 1 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया और मलबे में दबे लोगों को निकालने में लगे हुए हैं वहीं रेस्क्यू टीम द्वारा 2 मरीजों को अब तक निकाल लिया गया हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मलबे में कम से कम चार मरीज के दबे होने की आशंका जताई जा रही है, जबकि एक अन्य मरीजों को हल्की-फुल्की चोटें आई हैं। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए NDRF, एसडीओ और जिला प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच गई है।
अस्पताल परिसर में सुरक्षा के लिहाज से लावारिस वॉर्ड बी ब्लॉक को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। रेस्क्यू टीम के द्वारा लगातार रेस्क्यू जारी है। मलवे में दबे 2 मरीज को निकाल लिया गया है वहीं अब तक प्रत्यक्षदर्शी द्वारा बाकी के और 2 लोगों को निकलने की कोशिश लगातार की जा रही है।
घटना स्थल पर पहुंचे पश्चिमी विधायक सरयू राय
वहीं घटना स्थल पर पश्चिमी विधायक सरयू राय भी पहुंचे और मलवे से निकाले गए मरीजों से मिलकर हालचाल लिया। राय ने कहा कि इस तरह की घटना निंदनीय है। इतनी बड़ी घटना का आखिर कौन जवाबदेही होगा। यह एमजीएम हस्पताल के सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। वहीं भवन निर्माण विभाग को इसकी जांच करनी चाहिए के आखिर इस बिल्डिंग की मजबूती कितनी हैं।
अस्पताल की लापरवाही उजागर
इस हादसे ने एक बार फिर से एमजीएम अस्पताल की जर्जर इमारतों और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर दिया है. पहले भी बी-ब्लॉक की हालत को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन मरम्मत या पुनर्निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों ने जिला प्रशासन से अस्पताल की स्थिति की जांच कराने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है.