राँची में हुए दंगे के बाद अदालत ने लोअर बाजार थाना कांड संख्या 133/22 (जीआर नंबर 3211/2022) से जुड़े 10 जून 2022 के रांची दंगे के मामले में अभियुक्त अफसर आलम, तबारक कुरैशी, साबिर अंसारी, करण कच्छप (मोहम्मद उस्मान) और सरफराज आलम को संपूर्ण विचारण के उपरांत दोषमुक्त घोषित कर बरी कर दिया है।
इन अभियुक्तों पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 353, 188, 427, 295A, 298, 332, 504, 323 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई माननीय मयंक मलियाज, न्यायिक दंडाधिकारी, रांची की अदालत में हुई। अदालत ने गवाहों के परीक्षण, प्रतिपरीक्षण, अभियुक्तों के बयान दर्ज करने और अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनने के बाद अभियुक्तों को दोषमुक्त करार दिया।
इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता मोहम्मद खलील अंसारी ने कहा, यह उन निर्दोषों के लिए न्याय की जीत है, जिन्हें गलत तरीके से फंसाया गया था। उन्होंने कहा कि हमें संतोष है कि हमने उनकी पैरवी की और न्यायालय से उन्हें न्याय मिला। एपीसीआर (एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स) के राज्य सचिव, एडवोकेट जियाउल्लाह ने कहा, इस केस के अभियुक्त अत्यंत गरीब एवं लाचार थे। ऐसे ही जरूरतमंद और कमजोर लोगों को न्यायिक व कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए एपीसीआर बनी है। उन्होंने कहा कि यह फैसला हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
एपीसीआर के राज्य अध्यक्ष, एडवोकेट मोहम्मद मुख्तार खान ने कहा, हम मानव और नागरिक अधिकारों की रक्षा की लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि यह फैसला समाज के दबे-कुचले और कमजोर तबके के लोगों में एपीसीआर के प्रति विश्वास को और मजबूत करेगा। एपीसीआर के वाइस प्रेसिडेंट, एडवोकेट रेजा उल्लाह अंसारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हमारी संस्था न्यायिक सहायता के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी जरूरतमंदों को कानूनी मदद पहुंचाने का प्रयास जारी रख