हाथों की मेहंदी भी नहीं सूखी थी, आतंकियों ने छीना सुहाग

हाथों की अभी मेहंदी भी नहीं छूटी थी कि कायर आतंकियों ने एशान्या की आंखों के सामने उनका सुहाग छीन लिया। दो माह पहले ही 12 फरवरी को एशान्या की शुभम से शादी हुई थी। पहलगाम में वह आतंकवादियों के मंसूबे भांप पाती, उससे पहले ही शुभम के सिर पर गोली मारी दी।

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चचेरे भाई सौरभ ने बताया कि परिवार में तीन पीढ़ियों से सीमेंट का कारोबार हो रहा है। तीसरी पीढ़ी का कारोबार शुभम संभाल रहे थे। शुभम ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई चकेरी के सनिगवां स्थित गुरु हरराय स्कूल से किया।

 

स्नातक करने के बाद जागरण इंस्टीट्यूट से एमबीए किया। वह सीमेंट के कारोबार को काफी आगे ले जा रहे थे। 12 फरवरी को यशोदा नगर के ब्लाक निवासी एशान्या के साथ उनकी शादी हुई थी। एशान्या शादी के पहले एच ब्लाक के वीरेंद्र स्वरूप स्कूल में पढ़ाती थीं।

 

एशान्या के चचेरे भाई शुभम पांडेय ने बताया कि दोनों बहुत खुश थे। बहन और बहनोई ने सभी के साथ श्रीनगर टूर पर जाने का प्लान किया था। 15 अप्रैल को आखिरी बार शुभम यशोदा नगर ससुराल आए थे। 17 से 23 अप्रैल तक का टूर था।