झारखंड की जेलों से 51 कैदी होंगे रिहा, सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुआ बड़ा फैसला

रांची : झारखंड की विभिन्न जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे 51 कैदियों को रिहा किया जाएगा। यह निर्णय शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में लिया गया।

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बैठक में आजीवन सजा काट रहे 103 कैदियों के मामलों की समीक्षा की गई। कैदियों की फाइलों पर बारीकी से विचार करने के बाद 51 कैदियों को रिहाई की मंजूरी दी गई। इस दौरान न्यायालयों के फैसले, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और प्रोबेशन अधिकारियों की रिपोर्ट पर भी विचार किया गया।

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि रिहा होने वाले कैदियों की पारिवारिक और सामाजिक पृष्ठभूमि का सत्यापन किया जाए और उनके पुनर्वास के लिए ठोस योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि रिहा कैदियों को स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों से जोड़कर उन्हें डेयरी फार्म, मुर्गी फार्म, पशुपालन और अन्य रोजगार योजनाओं से लाभान्वित किया जाए, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

 

सीएम ने अधिकारियों को यह भी आदेश दिया कि रिहा कैदियों का ट्रैक रिकॉर्ड रखा जाए और उनकी गतिविधियों की निरंतर मॉनिटरिंग हो। बीमार और मानसिक रूप से अस्वस्थ कैदियों के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया।

 

बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्ष 2019 से अब तक राज्य की विभिन्न जेलों से 619 कैदियों को रिहा किया जा चुका है, जिनमें से 558 का भौतिक सत्यापन विभाग द्वारा किया गया है।

 

बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी नीरज कुमार श्रीवास्तव, कारा महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल और न्यायिक आयुक्त अनिल कुमार मिश्रा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।