बड़बोले जयराम ! मै गाड़ी नहीं लूंगा,विधायकों को बस की सुविधा मिलनी चाहिए, लोग करने लगे ट्रोल

विधायक जयराम ने स्कॉर्पियो गाड़ी क्या खरीदी, सोशल मीडिया पर ट्रॉल होने लगे हैं. क्योंकि उन्होंने षष्ठम विधानसभा के पहले सत्र के दौरान ताल ठोककर कहा था कि उन्हें विधायक भत्ता नहीं चाहिए. लंबी चौड़ी नसीहत देते हुए यहां तक कहा था कि सभी विधायकों को आवास की जगह क्वार्टर मिलना चाहिए. सभी विधायकों को आम जनता की तरह सरकारी बस से सदन तक लाया जाना चाहिए. यह कथनी उनके लिए सिरदर्द क्यों बन गई है, इसको समझने से पहले यह समझना जरूरी है कि उन्होंने किस संदर्भ में माननीयों को नसीहत दी थी, जिसे खुद पर अप्लाई करना भूल गए.

 

स्कॉर्पियो खरीदने पर सवाल उठे तो उन्होंने बयान जारी कर वजह बताई. उन्होंने कहा कि उनके नाम से गाड़ी होगी तभी भत्ता मिलेगा. इसलिए गाड़ी खरीदनी पड़ी. अब उनसे सवाल पूछा जा रहा है कि पहले सत्र के दौरान माननीयों को बस से आने की नसीहत क्यों दे रहे थे. यह भी पूछा जा रहा है कि डाउन पेमेंट कहां से किए.

 

एक और खास बात ये कि स्कॉर्पियों खरीद पर सफाई से पहले उन्होंने एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि फरवरी और मार्च माह की अपनी सैलरी का 75 प्रतिशत हिस्सा उन छात्र-छात्राओं में बांटेंगे, जो मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में डुमरी के मेरिट लिस्ट में टॉप-10 में आएंगे. लिहाजा, कुल 20 छात्र-छात्राओं में राशि बंटेगी. छात्रों को प्रोत्साहित करने की दिशा में इस कदम की सराहना होनी चाहिए. लेकिन सवाल है कि 20 छात्र-छात्राओं में विधायक की सैलरी का 70 प्रतिशत बांटने पर प्रति छात्र को कितने रुपये मिलेंगे.

 

दरअसल, विधायक की सैलरी 60 हजार रुपये प्रति माह है. इस हिसाब से दो माह की सैलरी का 70 प्रतिशत 84 हजार रुपये होंगे. इस लिहाज से सभी 20 को प्रति स्टूडेंट महज 4,200 रुपये ही मिल पाएंगे. यह अलग बात है कि अगर विधायक जी भत्ता मद में हर माह मिलने वाले 95 हजार रुपये और जलपान मद के 40 हजार रुपये में से भी 70 प्रतिशत हिस्सा टॉप छात्रों में बाटेंगे तो यह राशि 20 छात्रों में प्रति छात्र 13,650 रुपये मिलेंगे.