परीक्षा हॉल में ऐसा क्या हुआ? की छात्रा ने खाया जहर, बोर्ड की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल!

Patna: बिहार में मैट्रिक परीक्षा के दौरान सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे, लेकिन एक चौंकाने वाली घटना ने इन दावों की पोल खोल दी। अरवल जिले में परीक्षा हॉल के अंदर एक छात्रा ने जहर खा लिया, जिससे परीक्षा केंद्र में अफरा-तफरी मच गई। यह घटना स्वतंत्रता सेनानी गोदानी सिंह महाविद्यालय परीक्षा केंद्र पर हुई, जहां सख्त चेकिंग के बावजूद छात्रा जहर लेकर पहुंच गई।

कैसे हुई सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक?

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने पहले ही साफ कर दिया था कि परीक्षा केंद्रों में इतनी सख्ती है कि छात्र-छात्राएं कागज का एक टुकड़ा भी अंदर नहीं ले जा सकते। बावजूद इसके, एक छात्रा चूहे मारने वाली दवा लेकर परीक्षा हॉल में पहुंची और वहां जहर खा लिया।

घटना के बाद मचा हड़कंप

छात्रा के जहर खाने के तुरंत बाद परीक्षा हॉल में हड़कंप मच गया। परीक्षा में तैनात वीक्षक और महिला सिपाही ने तुरंत छात्रा को सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है। बाद में छात्रा के परिजन उसे निजी क्लीनिक में ले गए।

प्रशासन ने बनाई जांच कमेटी

घटना की गंभीरता को देखते हुए अरवल के डीएम कुमार गौरव ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। डीएम ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर तैनात स्टैटिक दंडाधिकारी से भी इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा गया है कि छात्रा परीक्षा हॉल में कीटनाशक कैसे लेकर पहुंची।

काउंसलिंग में हुआ खुलासा

छात्रा की काउंसलिंग के दौरान यह सामने आया कि वह परीक्षा में फेल होने के डर से बहुत घबराई हुई थी। नर्वस होकर उसने परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले ही चूहे मारने वाली दवा खा ली, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई।

बोर्ड की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल

बिहार बोर्ड की सख्त चेकिंग और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जब एक छात्रा परीक्षा हॉल में जहर लेकर जा सकती है, तो बोर्ड द्वारा किए गए सुरक्षा इंतजामों की विश्वसनीयता पर गंभीर संदेह खड़ा हो गया है।

छात्रा अब खतरे से बाहर

अरवल सदर अस्पताल के डॉक्टर समीम के अनुसार, छात्रा का इलाज किया गया और उसकी हालत अब स्थिर है। डॉक्टरों का कहना है कि जहर की मात्रा अधिक होती तो उसकी जान भी जा सकती थी। इसी परीक्षा केंद्र में दो अन्य छात्राओं की भी तबीयत खराब हुई थी, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया और बाद में छुट्टी दे दी गई।

क्या बिहार बोर्ड करेगा सुरक्षा इंतजामों में सुधार?

इस घटना ने बिहार बोर्ड की चेकिंग प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या अब बोर्ड अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगा? क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई नया नियम बनाया जाएगा? यह देखने वाली बात होगी कि बिहार बोर्ड इस घटना से क्या सबक लेता है।