जमशेदपुर : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में टाटानगर रेलवे स्टेशन है. इस स्टेशन को अब 327 करोड़ रुपये की लागत से वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने की योजना है. योजना को मूर्त रूप देने के लिए ब्लू प्रिंट भी तैयार कर लिया है. इसको अमली-जामा पहनाने का काम विभागीय स्तर पर चल रही है. दक्षिण पूर्व रेलवे का यह स्टेशन पहले से ही मॉडल है. अब इसे नया लूक देने का काम किया जाएगा. स्टेशन का खाका भी तैयार कर लिया गया है. इसका शिलान्यास फरवरी 2024 में ही पीएम मोदी ऑनलाइन कर चुके हैं.

तीन मंजिली होगी स्टेशन भवन
टाटानगर स्टेशन की भवन तीन मंजिली होगी. मॉडल बिल्डिंग की पहली मंजिल पर रिटायरिंग रूम, रेस्टोरेंट डोरमेट्री के अलावा अन्य यात्री सुविधाएं होंगी. सेकेंड और थर्ड फ्लोर की बात करें तो यहां पर व्यवसायिक प्रतिष्ठान बनाने की योजना है. स्टेशन में प्रवेश करने वाले यात्रियों को किसी सामान के लिए बाहर की तरफ नहीं जाना पड़े. ऐसी सुविधा प्लेटफार्म पर ही देने की योजना है.
बर्मामाइंस छोर पर बनेंगे दो प्लेटफार्म
स्टेशन के सेकेंड एंट्री गेट बर्मामाइंस की बात करें तो वहां पर दो नए प्लेटफार्मों को बनाने की योजना है. लाइन के नीचे से सब वे और उपर पाथ वे से दोनों गेट को जोड़ने का काम किया जाएगा.
स्टेशन में ही देख सकेंगे सिनेमा
टाटानगर रेलवे स्टेशन को ऐसा लूक दिया जा रहा है जिसमें सिनेमा हॉल की भी सुविधा होगी. रेल यात्रियों को सिनेमा देखने के लिए स्टेशन से बाहर जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. इसके अलावा स्टेशन पर थ्री स्टॉर होटल, स्कॉई लाउंज, एस्केलेटर, लिफ्ट, पार्क, फाउंटेन आदि की सुविधाएं होंगी.
प्रदीप मिश्रा चौक तक होगा स्टेशन का दायरा
रेलवे की ओर से स्टेशन के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर तक की दूरी को अधिग्रहरण किया जाएगा. जुगसलाई की तरफ प्रदीप मिश्रा चौक तक स्टेशन का दायरा बढ़ाने की योजना है. इसके लिए सड़क किनारे रेलवे की ओर से जिस दुकान को भी लीज पर दिया गया है उसे हटाने का आदेश पहले से ही दे दिया गया है.
वाशिग लाइन भी कहीं और होगा शिफ्ट
रेलवे वाशिंग लाइन की बात करें तो उसे कहीं और शिफ्ट करने की योजना है. वाशिंग लाइन के लिए लोको कॉलोनी पर ही बात चल रही है. वहां पर वंदे भारत ट्रेन के लिए वाशिंग सेंटर बनाने की योजना है. इस क्रम में बाकी का काम भी वहीं पर कराने की योजना है.
लगभग 100 जोड़ी ट्रेनों का होता है आना-जाना
टाटानगर रेलवे स्टेशन से रोजाना लगभग 100 जोड़ी से भी अधिक यात्री ट्रेनों का आना-जाना होता है. इसमें लोकल ट्रेनों की संख्या करीब 3 दर्जन है. रोजाना लगभग एक लाख की संख्या में यात्री ट्रेन पर उतरते हैं और सवार होते हैं.